अगरिया समाज गोत्र
अगरिया समाज आदिम मानव काल की प्रजाति है जो प्राचीन काल से लौह का प्रगलन करते आया है आज भी अगरिया आदिवासी समुदाय लोहे का व्यवसाय अपनाया हुआ है जो अगरिया आदिवासी की मुख्य व्यवसाय है लोहे की सम्मग्री बनाना लोहे के साथ आग पर काम करना आज भी सतत रूप से जारी है।
अगरिया समाज में कई गोत्र है जो कई प्रकार के है नीचे पढ़िए अगरिया समाज का सम्पूर्ण गोत्रावली
सोनवानी , सनवान ,सोनहा , 2 -अहिंदा , अहिंदवार , अहिंधा 3-चिरई , छोटे चिरई 4 -रन चिरई 5 -मराई ,मरावी ,मरई (7 देवता ) 6 -गैंट ,कांदा ,बेसरा 7 -पोर्ते ,पोरे 8 -टेकाम ९ -मरकाम 10 - धुर्वे , कछुआ ,धुरवा 11-गुइडार ,गोहरियार ,गोयरार 12 -गिधली , गिधरी 13 - नाग 14 -परसा 15 -गढ़कू ,गोरकु 16 - बरंगिया , बरगवार 17 -कोइलियासी 18 -बाघ ,बघेल 19 -खुसरो ,खुसर 20 -मसराम 21 -पन्द्रो 22 -परतेती 23 -पोट्टा 24 -श्याम (7 देवता ) 25 -तिलाम 26 -कोरचो 27-नेताम (4 देवता ) 28 -भैरत ,भरेवा ,भवानर 29 -दूधकावर 30-कुमुन्जनि ,मुंजनी ,मुंजना (वृक्ष ) 31 -महतो 32 -मांझी 33 -सूरी -सय्या -चिरई ` 34 -केरकेता 35 -नोनहा ,नोन (नमक ) 36 -वंश 37 -बिरही 38 -धोबा 39 -जगत 40 -जाल 41 -कररी 42 -केंवची 43 -कोसमिहा , 44 -कुकरा 45 - सोरी 46 -बंजबकवार 47 -परवन 48 - आत्याम उइके (6 देवता ) 49 -कुमारा (5 देवता ) 50 -एनर 51 -डेरु 52 -जेन्था 53 - गीचरेल 54 - लेबरी 55 -बरावा 56 - कैंथ ,कैतवार 57 -केचुआ 58 -कोवा 59 -कुजरी 60 -कुसुरा , कुसमा (मछली ) 61 -बनिया ,बिनिया 62 -मुधनी (फल ) 63 -तिरखोइ (पक्षी ) 64 -बार 65 -गेलिया 66 - जिना 67 -हाथी 68 -हरदी 69 -हुंडकेरा 70 - कडाकू 71 - कायेस्थ 72 -खलखो 73 -कोरो 74 -कुबरा 75 -कुसुआ 76 -लातु 77 -मगही 78 -माघिया 79 -मंजन 80 -मुंड 81 -प्रधानी 82 -तिग्गा 83 -तिरकवार 84 -टोप्पो 85 -भेंग 86 -धान 87 -लीला (हिरण ) 88 -सुवर 89 -टिटियो
इस गोत्रावली में अगरिया ,पथरिया अगरिया ,खुटिया अगरिया ,केल्हा अगरिया ,चोक अगरिया ,गोडदुका अगरिया , असुर अगरिया ,महली अगरिया ,इन सारी जाती उप जातियों का गोत्र है।
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