अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस 15.11.2024 को कोतमा कुशा भाऊ ठाकरे मंगल भवन मे सम्पन्न हुआ ll कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के बच्चे एवं बच्चियों ने बहुत ही सुन्दर आदिवासी गाने एवं अगरिया समाज गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये ll संस्था के फाउंडर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की संस्था का मुख्य उद्देश्य अगरिया जनजाति के स्तर को , आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर से मजबूत बनाना है ll अगरिया जनजाति समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है इस जनजाति समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही शिक्षित है और ना ही व्यवसायिक है ll बताया गया की अगरिया जनजाति समाज के लोग पूर्व प्राचीन समय मे जंगलो मे निवास करते थे जहा वो लोहा बनाने (गलाने) का काम करते थे ll अगरिया जनजाति ही वो समाज है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर) की पहचान किया और पारम्परिक भट्टी मे लौह अयस्क को गलाकर लोहा जैसे चमत्कारिक धातु को बनाया और देश दुनिया समाज को लोहा से अवगत कराया , यानि लोहा बनाने की संस्कृति
मप्र में सरकारी भर्ती में आरक्षण नयी व्यवस्था
उक्त जानकारी पत्रिका न्यूज़ के आधार पर है तो आइये जानते है -
वर्तमान में आरक्षण के भारी विवाद के चलते मध्यप्रदेश सरकार ने भर्ती में आरक्षण व्यवस्था नए पैटर्न लागू कर दिया है। इसे 100 बिंदु रोस्टर का नाम दिया गया है। इस सम्बन्ध के सभी विभागों को आदेश जारी किया है की नयी भर्ती में वर्तमान रोस्टर के आधार पर आरक्षण तय किया जायगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में ओ बी सी अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। यही नहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी गयी है। इसके बाद राज्य स्तरीय रोस्टर बदलाव हेतु मंथन करते हुए मप्र सरकार ने इन दोनों वर्गो को शामिल करते हुए नया रोस्टर जारी किये और सभी विभागों को कहा गया की नयी नियुक्तियों में इसी को आधार माना जाय।
अनारक्षित प्रथम और ओ बी सी (पिछड़ा वर्ग )दुसरे क्रम पर -100 बिंदु नए रोस्टर में सबसे पहले अनारक्षित वर्ग और दुसरे क्रम में ओ बी सी तीसरे में अनुसूचित जनजाति और चौथे क्रम में अनारक्षित वर्ग को शामिल किया गया है। इसके बाद अनुसूचित जाती और नवे क्रम में आर्थिक कमजोर वर्ग को शामिल किया गया है मॉडल रोस्टर के साथ सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग को प्रोफार्मा देते हुए निर्देश दिए है की इसी क्रम में अधिकारी कर्मचारी की सूची तैयार करना है। विभाग को सभी कालम भरने होंगे। इससे यह पता चल सकेगा की किस वर्ग में किस विभाग के कितने पद रिक्त है। बैकलाग सहित अन्य पदों की गणना और नियुक्ति में आसानी होगी।
1998 की आरक्षण व्यवस्था में बदलाव -
राज्य में अभी तक 1998 की आरक्षण व्यवस्था लागू थी इस व्यवस्था में अन्य पिछड़ा वर्ग को १४% आरक्षण व्यवस्था लागू था एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग इसमें शामिल नहीं था। अब पुनः 11 साल बाद इस व्यवस्था में राज्य सरकार ने बदलाव किये है।
जिला स्तरीय रोस्टर लिए काफी प्रयास -
राज्य स्तरीय मॉडल रोस्टर लागू होने के पश्चात् अब सरकार जिला स्तर रोस्टर पर मसक्क्त कर रही है राज्य में 2010 का ही जिला रोस्टर लागू है। अब चुकी राज्य स्तरीय रोस्टर में बदलाव किया गया है इसलिए जिला स्तरीय रोस्टर में बदलाव किया जायगा। यह रोस्टर स्तरीय नियुक्ति में लागू होगा। यानी जिले में आबादी के अनुसार आरक्षण का निर्धारण किया जायगा।
राज्य में यह आरक्षण व्यवस्था होगा -
अनुसूचित जाती वर्ग 16 %
अनुसूचित जनजाति वर्ग 20 %
अन्य पिछड़ा वर्ग 27 %
आर्थिक कमजोर वर्ग १0 %
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