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सीधी मध्यप्रदेश के ग्राम सोनगढ़ मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान संपन्न हुआ दिनांक 31/03/2025 को ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का प्रमुख कार्यक्रम अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम जो फाउंडेशन से जुड़े लगभग सभी राज्यों के जिलों मे प्रति वर्ष माह मार्च - अप्रैल मे संपन्न होता है ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की ओर से प्रत्येक जिले के नोडल कार्यकर्ता अधिकारी नियुक्त किये जाते है जो जिलों मे उपस्थित होकर कार्यक्रम को सम्पन्न कराते है ll नियुक्त नोडल द्वारा फाउंडेशन के एजेंडा को विश्लेषण करते हुए उपस्थित सामाजिक स्वजातीय बंधुओ को विधिवत समझाया जाता है और कार्यक्रम के अंत मे उपस्थित स्वजातीय बंधुओ को शपथ ग्रहण करवाया जाता है ll  अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य अगरिया जनजाति जो की आज के इस आधुनिक परिवेश मे भी शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी, सामाजिक रहन सहन मे पिछड़ी जनजाति है जिसके स्तर मे सामाजिक जागरूकता के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित कराया जाता है जिससे इस समाज मे जागरूकता आ सके और समाज सशक्त हो सके ll ज़िला सीधी के ग्राम सोनगढ़ मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का आयोजन  दिनांक 31/03/2025 को हुआ ll जहाँ ज़िला सीधी के लिए नियुक्त नोडल...

ए टी एम् जारी होते ही हो जाता है पांच लाख बीमा

ए टी एम् जारी होते ही हो  जाता है  पांच लाख  बीमा  बैंको में ए टी एम् धारको का होता है दुर्घटना बीमा  किसी भी राष्ट्रीकृत या गैर राष्ट्रीकृत बैंक के उपभोक्ता ने यदि बैंक से ए टी एम् जारी करवाया है तो ए टी एम् जारी होते ही उस उपभोक्ता का 25000 से लेकर 5 लाख तक का दुर्घटना बीमा बैंक ने करवाया है।  यह जानकारी 99 % उपभोक्ताओं को नहीं है इतना ही नहीं बीमा योजना बिना कोई राशि जमा किये विकलांगता से लेकर मौत होने तक के मुआवजे का प्रावधान है।  बैंको में ए टी एम् धारको के लिए बीमा योजना प्रारम्भ हुए कई साल हो गए लेकिन आज तक लोगो को इस बात की जानकारी तक नहीं है और ना ही बैंक अधिकारी कर्मचारी कभी अपने ग्राहकों को यह बताते है। बैंको के ए टी एम् उपयोग करने वाले उपभोक्ता की यदि किसी दुर्घटना में मौत होती है तो उसके परिजन नियमानुसार मुआवजा पाने के अधिकारी हो जाते है।  लेकिन यह बात ज्यादातर लोगो को पता नहीं होती और बैंक आश्रितों को मिलने वाली राशि दबा लेती है।  इस स्थिति में ए टी एम् धारक को मिलता है लाभ  * दुर्घटना में एक हाथ और पैर से विकलांग होने पर 5...

जनजाति की विशेषता

  जनजाति की विशेषता :- 1 - सामान्य भाषा -प्रत्येक जनजाति की अपनी एक भाषा होती है , जिसके माध्यम से ये अपने अपने विचारो को व्यक्त करते है। जनजातियाँ प्रायः स्थानीय बोलियों का प्रयोग करते है।  2 -एक नाम -प्रत्येक जनजाति अपने नाम से पहचानी जाती है जनजाति के सदस्य अपने नाम से ही अपना परिचय प्रस्तुत करते है। जैसे -अगरिया ,गोंड ,बैगा आदि  3 -निश्चित भू भाग -जनजाति एक निश्चित भू भाग में निवास करती है।  एक निश्चित भू भाग में निवास करने के कारन ही जनजातियों में सामान्य जीवन की विशेषताएं विकसित हो  जाती है। इनकी संस्कृति ही इनकी पहचान है। जैंसे अगरिया छत्तिश्गढ़ में छोटा नागपुर के पठार एवं मध्यप्रदेश में डिंडोरी से नेतरहाट  या अमरकंटक जैसे कई क्षेत्रो में रेखांकित किया जा सकता है। बैगा जनजाति का बैगाचक क्षेत्र ,भरिया जनजाति का पातालकोट क्षेत्र ,माडिया जनजाति का अबूझमाड़ क्षेत्र।  निश्चित भू भाग जनजातियों की विशिष्ट पहचान है।  4 -सामान्य संस्कृति -प्रत्येक जनजाति अपनी विशिष्ट संस्कृति से जानी जाती है।  किन्तु एक ही जनजाति के सभी सदस्यों में एक सा...

जनजाति से आशय ,जनजाति क्या है ,जनजाति किसे कहते है

  जनजाति से आशय- भारतीय समाज  में जनजाति से  आशय वन्य जाती ,आदिवासी ,वनवासी, आदिमजाति गिरिजन आदि से है ,ये जनजाति ऐसे लोगो का समूह या समुदाय है जो आज भी जंगलो में निवास करते है। प्राकृतिक साधनो से ही अपना भोजन ग्रहण  करते है। आधुनिक सभ्य समाज से दूर रहते है तथा शिक्षा ,कृषि ,उद्योग धंधे आदि से अपरिचित है।  भारत की जनगणना 1991 के अनुसार -ये अपने सीमित साधनो से केवल जीवित रहना ही सीख सके है और आज भी विज्ञान  की इस चका चौंध व सभ्यता की होड़ से अपरिचित है। ऐसे ही अपरिचित लोगो का उल्लेख भारतीय संविधान में अनुसूचित आदिम जनजाति या जनजाति (ट्राइबल ) के अंतर्गत किया जाता है। " भारतीय इतिहास  में यदि बात करे तो आदिवासी समूह का वर्णन प्राचीन समय से मिलता है। डॉ श्री नाथ शर्मा जी  जनजातीय अध्यन के अनुसार -"भारतीय समाज में प्रागैतिहासिक काल से लेकर आज तक आदि समूहों एवं वनवासियों का उल्लेख प्राप्त होता रहा है। वैदिक एवं उत्तर वैदिक काल तथा महाकाव्य काल में जनजातियों के नाम भी उल्लेखित है। जनजाति या आदिम जाती अथवा आदिवासी ट्राइब्स  tribes शब्द का हिंदी रूपां...