अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस 15.11.2024 को कोतमा कुशा भाऊ ठाकरे मंगल भवन मे सम्पन्न हुआ ll कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के बच्चे एवं बच्चियों ने बहुत ही सुन्दर आदिवासी गाने एवं अगरिया समाज गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये ll संस्था के फाउंडर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की संस्था का मुख्य उद्देश्य अगरिया जनजाति के स्तर को , आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर से मजबूत बनाना है ll अगरिया जनजाति समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है इस जनजाति समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही शिक्षित है और ना ही व्यवसायिक है ll बताया गया की अगरिया जनजाति समाज के लोग पूर्व प्राचीन समय मे जंगलो मे निवास करते थे जहा वो लोहा बनाने (गलाने) का काम करते थे ll अगरिया जनजाति ही वो समाज है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर) की पहचान किया और पारम्परिक भट्टी मे लौह अयस्क को गलाकर लोहा जैसे चमत्कारिक धातु को बनाया और देश दुनिया समाज को लोहा से अवगत कराया , यानि लोहा बनाने की संस्कृति
संविधान का निर्माण संविधान की रूपरेखा # भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली सभा का गठन जुलाई ,1946 में (कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों पर ) किया गया। #संविधान सभा जिसका चुनाव प्रादेशिक विधानसभाओ (केवल निम्न सदन )के सदस्यों द्वारा परोक्ष रूप से किया गया था। ,की पहली बैठक 9 दिसम्बर ,1946 को संपन्न हुई। #मुस्लिम लीग ने संविधान सभा की पहली बैठक का बहिष्कार किया था। इस प्रथम बैठक में ही डॉ. सचिदानंद सिन्हा को सर्वसम्मति से संविधान सभा अस्थाई अध्यक्ष चुना गया। 11 दिसंबर ,1946 की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सभा का स्थाई अध्यक्ष चुना गया। #डॉ. बी आर अम्बेडकर की अध्यक्षता में संविधान सभा की प्रारूप समिति की स्थापना 29 अगस्त ,1947 को की गयी। अध्यक्ष सहित इसके सदस्यों की कुल संख्या सात थी। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष ,11 महीने और 18 दिन लगे। #26 नवंबर ,1949 को संविंधान -सभा के अध्यक्ष के हस्ताक्षर के बाद इसे पारित घोसित किया गया। #भारत का संविधान 26 नवंबर ,1949 को अंगीकार किया गया तथा 26 जनवरी ,1950 प्रथम गणतंत्र दिवस को पूर्ण रूप से लागू हो गया। डॉ भीमराव अम्बेडकर