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अगरिया जनजाति समाज का राष्ट्रीय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ 15.11.2024 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस ll

अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस 15.11.2024 को कोतमा कुशा भाऊ ठाकरे मंगल भवन मे सम्पन्न हुआ ll कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के बच्चे एवं बच्चियों ने बहुत ही सुन्दर आदिवासी गाने एवं अगरिया समाज गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये ll  संस्था के फाउंडर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की संस्था का मुख्य उद्देश्य अगरिया जनजाति के स्तर को , आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर से मजबूत बनाना है ll अगरिया जनजाति समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है इस जनजाति समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही शिक्षित है और ना ही व्यवसायिक है ll बताया गया की अगरिया जनजाति समाज के लोग पूर्व प्राचीन समय मे जंगलो मे निवास करते थे जहा वो लोहा बनाने (गलाने) का काम करते थे ll अगरिया जनजाति ही वो समाज है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर) की पहचान किया और पारम्परिक भट्टी मे लौह अयस्क को गलाकर लोहा जैसे चमत्कारिक धातु को बनाया और देश दुनिया समाज को लोहा से अवगत कराया , यानि लोहा बनाने की संस्कृति

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मौलिक कर्तव्य

  मौलिक कर्तव्य  सरदार स्वर्ण  सिंह समिति की अनुशंशा पर मौलिक कर्तव्यों को वर्ष 1976  में 42 वे संविधान संशोधन द्वारा अनुच्छेद 51 (क) के अंतर्गत संविधान में समाविष्ट किया गया। ये न्यायलय  के माध्यम से प्रवृत्त तो नहीं कराये जा सकते ,किन्तु संविधान के निर्वचन में दिशादर्शन के रूप से  महत्वपूर्ण है। वर्तमान में मौलिक कर्तव्यों  संख्या 11 है , ये निम्न है।  1 . प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा की वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शो ,संस्थाओ ,राष्ट्रध्वज ,और राष्ट्रज्ञान का आदर करे।  2 . स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रिय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्रदय में संजोय रखे और उनका पालन करे।  3 . भारत की प्रभुता ,एकता और अखंडता की रक्षा करे और अक्षुण रखे।  4 . देश की रक्षा करे।  5 . भारत के सभी लोगो में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे।  6 . हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्त्व समझे और उसका परिक्षण करे।  7 . प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और संवर्धन करे।  8 . वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करे।  9 . व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधिय