अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस 15.11.2024 को कोतमा कुशा भाऊ ठाकरे मंगल भवन मे सम्पन्न हुआ ll कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के बच्चे एवं बच्चियों ने बहुत ही सुन्दर आदिवासी गाने एवं अगरिया समाज गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये ll संस्था के फाउंडर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की संस्था का मुख्य उद्देश्य अगरिया जनजाति के स्तर को , आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर से मजबूत बनाना है ll अगरिया जनजाति समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है इस जनजाति समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही शिक्षित है और ना ही व्यवसायिक है ll बताया गया की अगरिया जनजाति समाज के लोग पूर्व प्राचीन समय मे जंगलो मे निवास करते थे जहा वो लोहा बनाने (गलाने) का काम करते थे ll अगरिया जनजाति ही वो समाज है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर) की पहचान किया और पारम्परिक भट्टी मे लौह अयस्क को गलाकर लोहा जैसे चमत्कारिक धातु को बनाया और देश दुनिया समाज को लोहा से अवगत कराया , यानि लोहा बनाने की संस्कृति
संकुल केंद्र लामाटोला विकासखंड अनूपपुर ज़िला अनूपपुर मप्र अंतर्गत आज दिनांक - 07/03/2022को टी एल एम प्रदर्शनी शिक्षक स्तर का आयोजन हुआ जहाँ संकुल लामाटोला अंतर्गत ms रेउला, ms चपानी, ms लामाटोला, ps रेउला, सहित कई स्कूल एवं खोड़री एरिया के कई स्कूल(संकुल अंतर्गत कुल 29स्कूल जिसमे 8मिडिल एवं 21 प्राइमरी ) के शिक्षक साथियों ने प्रदर्शनी मे अपने हस्त निर्मित tlm का प्रदर्शिनी मे अपने टी एल एम का प्रदर्शन किये ll जहाँ विषय -हिंदी, गणित, पर्यावरण, विज्ञान विषय का रहा ll
कार्यक्रम के आयोजक - जनशिक्षक श्री ब्रिजभूसण मिश्रा जी ll एवं बतौर जज चयन समिति के रूप मे श्री रघुवंश प्रसाद नागेश जी (संकुल प्रभारी )जो सभी के tlm को देखते हुए प्रथम द्वितीय तृतीय परिणाम चयन किये विषय वार ll
जहाँ चयन समिति के द्वारा -
हिंदी - प्रथम - अर्जुन कुमार
द्वितीय -घनश्याम मवासी
तृतीय -अनीता बछलहा
गणित -प्रथम -संतोष कुशवाहा
द्वितीय - विनय वर्मा
तृतीय -हरिदास सिंह
विज्ञान -प्रथम - दशरथ अगरिया
द्वितीय - प्रधान सिंह
तृतीय - हरदीन सिंह
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
agariya samaj ki jankari ke liye ye blog taiyar kiya gaya hai agariya samaj sangathan poore bharat ke agariya samaj ko sangathit karna chahta hai