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जून, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

ज़िला सीधी (मध्यप्रदेश) मे वृक्षारोपण अगरिया समाज संगठन भारत के मार्गदर्शन मे 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर ll जिलाध्यक्ष सुखलाल अगरिया ll

ज़िला सीधी (मध्यप्रदेश) मे वृक्षारोपण अगरिया समाज संगठन भारत के मार्गदर्शन मे 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर ll जिलाध्यक्ष सुखलाल अगरिया ll 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 अगरिया समाज संगठन द्वारा 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर संगठन अंतर्गत सभी जिलों मे वृक्षारोपण का आयोजन किया गया था जहाँ सभी जिलों के प्रत्येक ब्लॉक मे कम से कम 10 पौधों का रोपण किया जाना था ll और सभी जिलों मे हुआ ये कार्यक्रम हुआ ll वही ज़िला सीधी मे भी वृक्षारोपण हुआ जहाँ से सुखलाल अगरिया सीधी जिलाध्यक्ष जी ने सपरिवार वृक्षारोपण किये ll सुखलाल अगरिया जी से बातचीत👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 सुखलाल अगरिया जी ने कहा अगरिया समाज संगठन भारत द्वारा किया गया वृक्षारोपण का ये पहल अत्यंत सराहनीय है ll संगठन आज हर क्षेत्र मे कार्य कर रहा है जिससे अगरिया समाज आज हर जगह अपना अस्तित्व बनाता जा रहा है, हर जगह चाहे वो सोसल मीडिया हो या वास्तविक रुप मे प्रत्येक ज़िला या राज्य मे ll संगठन के माध्यम से आज समाज मे लगातार लोग जागरूक हो रहे है आज से कुछ साल पहले अगरिया समाज की पहचान अन्य लोगो मे नहीं था लेकिन आज अगरिया समाज स

ज़िला बलरामपुर मे 5जून विश्व पर्यावरण दिवस पर जागेराम अगरिया जी द्वारा वृक्षारोपण अगरिया समाज संगठन भारत के मार्गदर्शन मेll

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के मार्गदर्शन पर 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर संगठन अंतर्गत सभी जिलों मे वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया जाहा ज़िला बलरामपुर की ओर से श्री जागेराम अगरिया जी जो की संगठन के बहुत ही समर्पित कार्यकर्त्ता है ll और समाज को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाने मे अच्छी सकारात्मक विचार रखने वाले है ll इनसे बात करने पर कहना है की समाज हमारा है हम इस समाज मे पैदा हुए तो इस समाज के लिए जिम्मेदारी लेना हमारा कर्तव्य है ll असल मे व्यक्ति तो वह है जो अपने लिए नहीं दुसरो के लिए जीता है और समाज को एक अच्छे दिशा मे लेकर जाता है ll सर का कहना है की संगठन को हमको मजबूत बनाना होगा इसको प्राथमिकता देना होगा तभी हमारा समाज आगे जायगा समाज मे विकास होगा, समाज मे शिक्षा होगा, यदि संगठन के माध्यम से हम जागरूकता नहीं लायेगे सभी एक साथ मिलकर, तो समाज हमारा विकास नहीं करेगा ll आज जो भी समाज के भईया बहिनी इधर उधर बिखरे है उनको एक साथ मिलकर कार्य करना होगा समाज को जागरूक करना होगा ll ज़ब समाज विकास करेगा तभी हमारे देश का विकास होगा ll देश के विकास मे समाज की अहम भूमिका होती है इसलिए अपन

ज़िला सूरजपुर छत्तीसगढ़ मे 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के मार्गदर्शन मे वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न हुआll

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत की ओर से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण सम्पूर्ण संगठन अंतर्गत जिलों मे आयोजित किया गया था जहाँ ये वृक्षारोपण कार्यक्रम लगभग सभी जिलों मे हुए ll वही सूरजपुर छत्तीसगढ़ का का ज़िला जहाँ संगठन के. मार्गदर्शन मे. वृक्षारोपण किया गया जहाँ संगठन के युवा समर्पित कार्यकर्त्तालल्लू अगरिया जी एवं उनकी टीम से ज़िला सूरज पुर मे वृक्षारोपण का कार्य किये और समाज के सभी व्यक्तियो को सन्देश दिए की समाज मे वृक्षारोपण करना सार्वजनिक हित का कार्य है तथा यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम भी है इसलिए हमकों देश हित समाज हित मे वृक्षारोपण करना अनिवार्य है उन्होंने का संगठन के विचार धारा का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है संगठन का ये वृक्षारोपण का पहल अत्यंत सराहनीय है अतः मै एवं पूरा ज़िला संगठन के मार्गदर्शन मे कार्य करेंगे और संगठन के माध्यम से एक संगठित समाज के निर्माण मे योगदान देंगे ll इसी प्रकार ज़िला सूरजपुर से संगठन की वीरांगना एवं उनका पूरा परिवार श्री मति राजमणि अगरिया जी एवं उनका  परिवार शोभनाथ अगरिया जी सहित पूरा परिवार भी वृक्षारोपण का

ज़िला कबीरधाम छत्तीसगढ़ मे 5 जून विश्वपर्यावरण दिवस पर संगठन के नेतृत्व मे वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ ll

अगरिया समाज संगठन भारत के रुप मे हम सभी समाज वासियो को मिला है तो  सबको भी इसका सम्मान करना चाहिए और संगठन के सुझाए अनुसार समाज को संगठित करने एवं समाज के उत्थान एवं विकास मे भागीदारी प्रदान करना चाहिए ये समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है तभी समाज विकास करेगा ll उन्होंने कहा समाज को जागरूक करने के लिए मै इस संगठन को अपना 100% योगदान देने को तैयार हु और आगे भी रहुगा ll कबीरधाम ज़िला से अन्नू अगरिया जी एवं उनकी टीम सहित ज़िला अंतर्गत सभी समाज के स्वजातीय बंधुओ ने संगठन के मार्गदर्शन मे कबीरधाम ज़िला मे वृक्षारोपण का कार्यक्रम किये ll और प्रति वर्ष वृक्षारोपण के लिए संकल्प भी लिए ll #vrikshariropankabeerdhamcg #agariya samaj paryawarandiwas

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत ज़िला इकाई कोरिया छत्तीसगढ़ ब्लॉक सोनहत की ब्लॉक स्तरीय मीटिंग संपन्न हुआ ll

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत ज़िला एकाई कोरिया छत्तीसगढ़ की ब्लॉक स्तरीय बैठक सोनहत ब्लॉक की ब्लॉक -सोनहत मे दिनांक -14/06/2022 को आयोजित हुआ जहाँ अगरिया समाज के संगठित करने, राष्ट्रीय संगठन के विचार धाराओं से एवं गतिविधियों मे सम्मिलित होने एवं सभी स्वजातीय बंधुओ को संगठन के साथ जुड़ने एवं अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चर्चाये हुआ ll मीटिंग शाम 5 बजे से दुसरे दिन सुबह 3 बजे तक चला जहाँ सभी स्वजातीय बंधुओ ने अगरिया समाज संगठन की विचार धारा मे चलने एवं समाज को संगठित करने पर अपनी सहमति व्यक्त किये ll मीटिंग मे अगरिया समाज की बच्चियों द्वारा शानदार सामूहिक नृत्य किया गया ll अगरिया समाज संगठन भारत लगातार समाज को संगठित करने का मुहीम चला रहा है और लगातार जिलों मे जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है ll अगरिया समाज संगठन भारत, भारत के अंतिम छोर मे खड़े अगरिया जनजाति के व्यक्ति संगठन से जुड़ने के लिए अपील करता है, संगठन का मानना है ज़ब हर व्यक्ति की भागेदारी समाज मे नहीं होगा तब तक समाज का उत्थान विकास संभव नहीं है अतः सभी को संगठन से जुड़कर समाज मे अपनी भागेदारी प्रदान करनी

ज़िला सरगुजा छ. ग के ब्लॉक मैनपार्ट मे अगरिया समाज की बैठक संपन्न हुआ llराष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के मार्गदर्शन पर

आज दिनांक -12/06/2022 को ज़िला सरगुजा छ.ग के मैनपाट ब्लॉक मे अगरिया समाज की  बैठक राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत के नेतृत्व मे संपन्न हुआ ll जहाँ सरगुजा ज़िला के मैनपाट ब्लॉक के समिति गठन एवं अगरिया समाज के उत्थान एवं विकास एवं समाज को संगठित करने पर चर्चा हुआ ll मैन पार्ट मे आयोजित मीटिंग मे राष्ट्रीय संगठन से श्री जागेराम अगरिया जी नोडल प्रतिनिधि के रुप मे उपस्थित रहे उन्होंने वहा उपस्थित सभी सामाजिक स्वजातीय बंधुओ को सम्बोधित करते हुए कहा की अगरिया समाज के उत्थान एवं विकास के लिए सभी को संगठित होना जरुरी है ll सभी को एक दूसरे का मान सम्मान करते हुए एक साथ अपने समाज के लिए कार्य करना होगा और सामाजिक समस्याओ का हल निकालना होगा तथा ज़ब तक अगरिया समाज एक मंच पर संगठित नहीं होगा अगरिया समाज की समस्याओ से छुटकारा नहीं मिल सकता ll उन्होंने कहा की अगरिया समाज को संगठित करने एक मंच पर लाने के लिए राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत सतत प्रयासरत है राष्ट्रीय संगठन समाज को संगठित करने के लिए जिलेवार गतिविधियों का आयोजन लगातार करता जा रहा है जिससे संगठन के उद्देश्य समाज के ह

ज़िला छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत मे मार्गदर्शन मे ll

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण ज़िला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश मे (अगरिया समाज संगठन भारत के नेतृत्व मे ) 🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴 पहाड़ , जंगल, ज़मीन, आदिवासियों की धरोहर पूर्व से ही रही है,आदिवासी अनादिकाल से ही प्रकृति प्रेमी रहे है  पर्यावरण को को संरक्षित करना एवं अपने जीवन यापन के लिए आदिवासी हमेशा से पर्यावरण पर निर्भर रहा है अब अगर हम अगरिया जनजाति की बात करें तो अगरिया जनजाति का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से पूर्व से ही रहा है, आप सभी जानते है की अगरिया जनजाति ने लौह अयस्क जैसे पत्थर, लकड़ी, बालू इत्यादि से लोहा बनाया और दुनिया को सबसे पहले अवगत कराया यानी की लोहा बनाने वाली सबसे पहली जनजाति अगरिया जनजाति ही है ll यानि की अगरिया आदिवासी पूर्व से ही जंगलो मे निवास करते थे और अपने जीवन यापन के लिए जंगलो पर निर्भर रहते थे, जहाँ से उनको लौह अयस्क एवं लौह प्रगलन हेतु कई सुविधा मिलता रहा है जिससे अगरिया जनजाति अपना जीवन यापन करते थे ll यानि की कहे तो अगरिया जनजाति का सीधा सम्बन्ध प्रकृति, पर्यावरण से रहा है अब जहाँ अगरिया जनजाति का ज़ब सीधा सम्बन्ध पर्यावरण से रहा है तो पर्यावरण संर

ज़िला कोरिया छत्तीसगढ़ मे 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण अगरिया समाज संगठन भारत के मार्गदर्शन पर

ज़िला -कोरिया छत्तीसगढ़ मे अगरिया समाज संगठन भारत के नेतृत्व मे वृक्षारोपण ll साथियों आप सभी को विदित है की अगरिया समाज संगठन भारत की ओर से 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अगरिया समाज द्वारा संगठन अंतर्गत सभी जिलों मे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया ll जिसमे से ज़िला कोरिया छत्तीसगढ़ मे भी वृक्षारोपण किया गया ll ज़िला कोरिया जिलाध्यक्ष श्री सुकुल नागवंशी जी एवं खड़गवा ब्लॉक अध्यक्ष श्री सुखित अगरिया जी, एवं अशोक अगरिया जी, इतवार अगरिया जी, रामलखन अगरिया, जागेराम अगरिया ,अर्जुन अगरिया जी, मीना अगरिया जी, सोहरी अगरिया जी, लक्ष्मी अगरिया जी सहित सभी ज़िला कोरिया वासियो ने सपरिवार बड़े धूम धाम से वृक्षारोपण किये ll बात करने पर बताया गया की अगरिया जनजाति है हम और आदिवासी प्रकृति प्रेमी तो होते है, हमारे पूर्वज जंगलो मे रहकर लकड़ियों पत्थरो से लोहा बनाते थे और अपना जीवन यापन करते थे आज भले ही अगरिया जनजाति को उस पहचान से वंचित किया गया हो लेकिन अगरिया आदिवासी प्रकृति पूजक है और रहेगा ll उन्होंने कहा की अगरिया समाज संगठन भारत की ओर से चलाया जा रहा ये वृक्षारोपण कार्यक्रम अत्यंत सरा