ज़िला कोरिया छत्तीसगढ़ मे 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण अगरिया समाज संगठन भारत के मार्गदर्शन पर सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति समाज का राष्ट्रीय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ 15.11.2024 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस ll

अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस 15.11.2024 को कोतमा कुशा भाऊ ठाकरे मंगल भवन मे सम्पन्न हुआ ll कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के बच्चे एवं बच्चियों ने बहुत ही सुन्दर आदिवासी गाने एवं अगरिया समाज गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये ll  संस्था के फाउंडर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की संस्था का मुख्य उद्देश्य अगरिया जनजाति के स्तर को , आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर से मजबूत बनाना है ll अगरिया जनजाति समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है इस जनजाति समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही शिक्षित है और ना ही व्यवसायिक है ll बताया गया की अगरिया जनजाति समाज के लोग पूर्व प्राचीन समय मे जंगलो मे निवास करते थे जहा वो लोहा बनाने (गलाने) का काम करते थे ll अगरिया जनजाति ही वो समाज है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर) की पहचान किया और पारम्परिक भट्टी मे लौह अयस्क को गलाकर लोहा जैसे चमत्कारिक धातु को बनाया और देश दुनिया समाज को लोहा से अवगत कराया , यानि लोहा बनाने की संस्कृति

ज़िला कोरिया छत्तीसगढ़ मे 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण अगरिया समाज संगठन भारत के मार्गदर्शन पर

ज़िला -कोरिया छत्तीसगढ़ मे अगरिया समाज संगठन भारत के नेतृत्व मे वृक्षारोपण ll
साथियों आप सभी को विदित है की अगरिया समाज संगठन भारत की ओर से 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अगरिया समाज द्वारा संगठन अंतर्गत सभी जिलों मे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया ll जिसमे से ज़िला कोरिया छत्तीसगढ़ मे भी वृक्षारोपण किया गया ll ज़िला कोरिया जिलाध्यक्ष श्री सुकुल नागवंशी जी एवं खड़गवा ब्लॉक अध्यक्ष श्री सुखित अगरिया जी, एवं अशोक अगरिया जी, इतवार अगरिया जी, रामलखन अगरिया, जागेराम अगरिया ,अर्जुन अगरिया जी, मीना अगरिया जी, सोहरी अगरिया जी, लक्ष्मी अगरिया जी सहित सभी ज़िला कोरिया वासियो ने सपरिवार बड़े धूम धाम से वृक्षारोपण किये ll बात करने पर बताया गया की अगरिया जनजाति है हम और आदिवासी प्रकृति प्रेमी तो होते है, हमारे पूर्वज जंगलो मे रहकर लकड़ियों पत्थरो से लोहा बनाते थे और अपना जीवन यापन करते थे आज भले ही अगरिया जनजाति को उस पहचान से वंचित किया गया हो लेकिन अगरिया आदिवासी प्रकृति पूजक है और रहेगा ll उन्होंने कहा की अगरिया समाज संगठन भारत की ओर से चलाया जा रहा ये वृक्षारोपण कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय है हम सभी अगरिया समाज के लोग प्रति वर्ष वृक्षारोपण करेंगे एवं पर्यावरण संरक्षण मे अपना योगदान देंगे ll वृक्ष हमें ऑक्सीजन,फल, फूल, पुष्प, छाया, लकड़ी आवास और ना जाने कितने जरूरतों को पूरा करते है इसलिए हम सब अगरिया समाज के लोग पर्यावरण को संरक्षण मे आगे रहेंगे ll उन्होंने कहा की प्रत्येक व्यक्ति को वृक्षरोपण करना चाहिए क्योंकि ये एक राष्ट्रीय हित एवं सार्वजनिक कार्य है ll क्योंकि पर्यावरण सुरक्षित तो जीवन सुरक्षित ज़िला कोरिया छत्तीसगढ़ से लगभग -50-60 वृक्षारोपण ज़िला अंतर्गत सभी ब्लॉक मे  रहने वाले अगरिया समाज के व्यक्तियों द्वारा किया गया ll जो की अत्यंत सराहनीय रहा है ll
बताया गया की अगरिया समाज मे वृक्षारोपण कार्यक्रम वृहद स्तर पर प्रति वर्ष होगा ll


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