राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया महासंघ का राष्ट्रीय बैठक ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से संपन्न हुआ ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया महासंघ का राष्ट्रीय बैठक ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से संपन्न हुआ ll

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया महासंघ का राष्ट्रीय बैठक ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से संपन्न हुआ ll
राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत संचालक दशरथ अगरिया जी के द्वारा दिनांक -29/10/2022 दिन शनिवार को ऑनलइन मोबाइल के माध्यम से अगरिया समाज के उत्थान एवं विकास हेतु बैठक का आयोजन किया गया जहा पूरे राष्ट्रीय स्तर से कई राज्यों के स्वजातीय बंधु एवं पदाधिकारियों की उपस्थिति मे बैठक संपन्न हुआ ll बैठक मे जहा सम्पूर्ण भारत स्तर पर अगरिया समाज को एक मंच पर संगठित होने, समाज मे व्याप्त कुरीतियों को दूर करने समाज मे बालक /बालिकाओ को शिक्षित करने तथा समाज मे नशा पान को प्रतिबंधित करने पर सन्देश दिया गया ll समाज को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने तथा अगरिया अस्तित्व हेतु समाज की संस्कृति रीति रीवाज को जीवित रखने को कहा गया ll क्योंकि अगरिया जनजाति प्राचीन काल की वो जनजाति है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर ) से लोहे का निर्माण किया ll आज अगरिया जनजाति विलुप्त होते हुए प्रतिभावान समाज को समाज मे मुख्य पहचान दिलाने के लिए अगरिया समाज संगठन भारत सतत प्रयास रत है ll संगठन द्वारा  समाज के प्रत्येक बिन्दुओ मे सुधार हेतु कई मुहीम चलाये जा रहे है जो इस प्रकार है ll...
1-समाज मे किसी भी सामाजिक कार्यक्रम मे शराब एवं मांस मदिरा  लेन देंन को प्रतिबंधित करना है ll
2- समाज मे हर घर के बच्चों को शिक्षित करना जिसके लिए यदि समाज के किसी बच्चे को फीस या कॉपी पुस्तक मे कोई कमी या एडमिशन सम्बंधित कोई शुल्क की आवश्यकता होती उस स्थिति मे संगठन सहयोग करता है ll
3- समाज मे बच्चों द्वारा क्लास 10 एवं 12 मे अच्छे अंक अर्जित करने पर राष्ट्रीय महासम्मेलन अगरिया समाज मे माता पिता एवं बच्चों को पुरुस्कार के साथ सम्मानित किया जाने का प्रावधान है ll
4-यदि राष्ट्रीय संगठन से कोई समाज का व्यक्ति मजबूती से जुड़कर समाज के उत्थान एवं विकास के लिए कार्य करता है और उस स्थिति मे उसके घर मे कोई शोक सन्देश जैसे समाचार पर संगठन की ओर से सहयोग राशि सम्बंधित मुखिया को मृत्यु सहायता राशि प्रदान किया जाता है ll
5-समाज मे प्रतिभावान् कलाकार पुरुष, महिला बच्चों को सामने लाना एवं उनके कला को निखारने के लिए संगठन की ओर से सहयोग करते हुए मंच प्रदान करना करवाना जिससे समाज प्रतिभा को सम्मान प्राप्त हो सके ll

इसके आलावा भी ऐसे  अगरिया समाज को आगे बढ़ाने एवं विकास के लिए संगठन द्वारा कई मुहीम चलाये जा रहे है अगरिया समाज संगठन भारत का उद्देश्य सम्पूर्ण भारत स्तर पर एक संगठित समाज का निर्माण करना ll एवं सभी को संगठन से जुड़कर किसी व्यक्तिगत जिले या राज्य के कार्य ना करके बल्कि सम्पूर्ण अगरिया जनजाति के उत्थान एवं विकास के कार्य करने को  कहा गया ll क्योंकि संगठित संगठित समाज से ही समाज का उत्थान एवं विकास सम्भव है ll संचालक दशरथ अगरिया द्वारा चर्चा किया गया ll
इसके अलावा आगामी माह मे संगठन का स्थापना दिवस माह नवंबर मे मनाया जाना है जिसमेसभी अगरिया समाज के स्वजातीय को निर्धारित स्थान मे पहुंचने का आग्रह भी किया गया ll कल के हुए राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ के ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस मीटिंग मे 31 स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे है ll
दशरथ अगरिया, रामखिलावन अगरिया, सुखित अगरिया, जोसफ अगरिया, लक्ष्मी अगरिया,मति अगरिया,सुकुल नागवंशी, जागेराम अगरिया, सोहरी अगरिया, राजकुमार अगरिया, दुबराज अगरिया सहित कई स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे ll

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