राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत का तीसरा स्थापना दिवस 2022 दिनांक 15/11/2022 को कोतमा अनूपपुर कुशभाऊ ठाकरे मंगल भवन मे धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम कोतमा विधायक महोदय श्री सुनील सराफ जी का आगमन हुआ सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत का तीसरा स्थापना दिवस 2022 दिनांक 15/11/2022 को कोतमा अनूपपुर कुशभाऊ ठाकरे मंगल भवन मे धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम कोतमा विधायक महोदय श्री सुनील सराफ जी का आगमन हुआ

राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत का तीसरा स्थापना दिवस 2022 दिनांक 15/11/2022 को कोतमा अनूपपुर कुशभाऊ ठाकरे मंगल भवन मे धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम कोतमा विधायक महोदय श्री सुनील सराफ जी का आगमन हुआ 
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 राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया समाज महासंघ भारत का तीसरा स्थापना दिवस 2022 कोतमा जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश के कुशभाऊ ठाकरे मंगल भवन कोतमा मे बड़े धूमधाम से मनाया गया जहा भारत के कोने कोने से सामाजिक स्वजातीय बंधु कार्यक्रम मे उपस्थित रहे है कार्यक्रम मे अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कबीरधाम, कोरिया, कोरबा सिंगरौली, सीधी, छिंदवाड़ा सहित कई जिलों के सामाजिक स्वजातीय बंधु एवं माताए बहने लगभग 1000 की संख्या मे सम्मिलित रहे एवं अपनी भूमिका का निर्वाहन किये ll चूँकि संगठन एक राष्ट्रीय संगठन है जहा संगठन का उद्देश्य सम्पूर्ण भारत स्तर पर अगरिया समाज को संगठित करना है एवं सम्पूर्ण अगरिया जनजाति का उत्थान एवं विकास करना है समाज के प्रत्येक बिंदु पर कार्य करना ही संगठन का लक्ष्य है ll समाज मे शिक्षा, शिक्षा सहयोग, नशा मुक्ति, संस्कृति का संरक्षण, सामाजिक सहयोग प्रत्येक बिंदु पर सुधार यानि सम्पूर्ण समाज का उत्थान विकास लक्ष्य है llकार्यक्रम के दौरान लोहासूर पूजन किया गया लोहासूर पूजन मे हस्त निर्मित, कोठी, भट्टी का पूजन किया गया ll तथा इस अवसर पर संगठन के नाम की रंगोली भी बनायीं गयी और केक काटकर तथा सभी एक दुसरे को केक खिलाकर स्थापना दिवस मनाये ll संगठन कार्यक्रम मे भारत के कोने कोने से प्रत्येक जिले से आये समाज के स्वजातीय बंधुओ एवं माताए बहनो को मंच मे जिला वार बुलाकर बारी बारी से फूल माला पहना कर, बैज लगाकर सभी का स्वागत किया गया ll कार्यक्रम मे आये प्रत्येक जिले से समाज की बच्चियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे नृत्य, गायन तथा समाज के कलाकारो द्वारा मंच मे स्टेज कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए जिससे कार्यक्रम मे और भी निखार आ गया जो अत्यंत सुंदर मनमोहक एवं प्रसंशनीय था ll जिलों से आये समाज के स्वजातीय बंधुओ के उद्बोधन समाज के उत्थान विकास मे हुए स्वजातीय बंधुओ ने अपने जिले मे अगरिया समाज के उत्थान एवं विकास मे जिम्मेदारी के साथ अगरिया समाज को आगे बढ़ाने के लिए, संगठित समाज के निर्माण, समाज के उत्थान विकास के लिए तत्पर हुए और जिम्मेदारी लेने की बात कहे ll
अगरिया समाज संगठन भारत 2022 के तीसरे स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय संचालक दशरथ अगरिया, एवं रामखिलावन अगरिया, सुकुल नागवंशी, सुखित अगरिया जी द्वारा कोतमा विधान सभा के माननीय विधायक महोदय श्री सुनील सराफ जी (कांग्रेस पार्टी )को कार्यक्रम मे आमंत्रित किया गया था जहा उनका आगमन कार्यक्रम मे हुआ ll जहा अगरिया समाज के समस्यायों एवं मांगो को लेकर माननीय विधायक महोदय को ज्ञापन  दिया गया llजहा संगठन के राष्ट्रीय संचालक दशरथ अगरिया जी द्वारा अगरिया समाज के ज्ञापन मांग पत्र एवं समस्यायों को मंच पर बिंदुवार, तर्कवार विश्लेषण करते हुए विधायक महोदय के सामने रखे ll उक्त समस्याओ को संज्ञान मे लेते माननीय विधायक महोदय जी द्वारा अगरिया जनजाति के मांगो पर शीघ्र विचार करने को बोले इसके साथ ही उन्होंने कहा की अगरिया जनजाति एक वैज्ञानिक जनजाति है क्योंकि उस समय प्राचीन काल मे ना कोई स्कूल ना ही कोई शिक्षा का साधन रहा है उस समय अगरिया जनजाति ने लौह अयस्क को पहचाना और लोहा गलाया तथा लोहा जैसे चमत्कारिक धातु से इस पूरे दुनिया को अवगत कराया जिसके बिना आज इस दुनिया समाज के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती ये समाज एक गौरव शाली समाज है उन्होंने कहा इस जनजाति के संस्कृति को संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है ll साथ मे उन्होंने कहा की समाज के बच्चों को शिक्षा  के लिए प्रोत्साहन राशि भी दिए जायगा तथा खेल कूद मे रूचि रखने वाले बच्चों को खेल सामग्री किट भी मेरे द्वारा प्रदाय किया जायगा ll इस प्रकार उन्होंने समाज को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के उचित सहयोग प्रदान करने की बात बोले जो की अत्यंत प्रेरणादायक एवं प्रसंशनीय था ll

कार्यक्रम मे अनूपपुर से संचालक दशरथ अगरिया, माखन अगरिया, कैलाश अगरिया, गोरेलाल अगरिया, मायाराम अगरिया,बुद्धवती अगरिया, संतरिया देवी अगरिया ,अम्बिका अगरिया सहित जिला से पूरी टीम भारी संख्या मे रहे, उमरिया से सूरज लाल मरावी, विजय अगरिया भोला अगरिया बाबूलाल अगरिया सहित कई स्वजातीय बंधु रहे है, कोरबा से रामखिलावन अगरिया, दुबराज अगरिया, पूरासाय अगरिया, सुदर्शन अगरिया, मिलकुंवर बाई, फुलेश्वरी अगरिया ,दादा दिलहरण अगरिया सहित कई स्वजातीय बंधु भारी संख्या मे उपस्थित रहे, कोरिया से सुकुल नागवंशी, सुखित अगरिया, जागेराम अगरिया, अर्जुन अगरिया, रुपेश अगरिया, राजकुमार अगरिया, सोहरी अगरिया, लक्ष्मी अगरिया सहित भारी संख्या मे स्वजातीय बंधु माताए बहने उपस्थित रहे, कबीरधाम से अन्नू धुर्वे सहित कई स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे, राजनांदगाव गांव से भगवानी अगरिया उपस्थित रहे, सिंगरौली एवं सीधी से राजकुमार अगरिया जी, पन्नेलाल अगरिया जी सहित कई स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे है शहडोल से श्री रामखिलावन अगरिया जी उपस्थित रहे ll तथा भारत के कोने कोने से कई जिलों एवं राज्यों से सामाजिक स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे ll और बड़े धूम धाम से संगठन का तीसरा स्थापना दिवस मनाया गया ll 







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