ग्राम आमाडांड एवं पतरापाली जिला कोरबा मे अगरिया समाज संगठन भारत के कार्यकर्त्ता दुबराज सिंह अगरिया जी ने संगठन के उद्देश्य को लेकर जनसम्पर्क किये ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

ग्राम आमाडांड एवं पतरापाली जिला कोरबा मे अगरिया समाज संगठन भारत के कार्यकर्त्ता दुबराज सिंह अगरिया जी ने संगठन के उद्देश्य को लेकर जनसम्पर्क किये ll

ग्राम आमाडांड एवं पतरापाली जिला कोरबा मे अगरिया समाज संगठन भारत के कार्यकर्त्ता दुबराज सिंह अगरिया जी ने संगठन के उद्देश्य को लेकर जनसम्पर्क किये ll

एक तरफ जहा संगठन लगातार #agariyajanjati अगरिया समाज को संगठित करने के लिए लगातार जिलों मे जिलों मे जनसम्पर्क एवं सामाजिक मीटिंग का आयोजन करता जा रहा है ll वही दुबराज सिंह अगरिया जी जो जिला कोरबा के कार्यकर्त्ता है उनके द्वारा संगठन के इस पहल को लेकर गांव गांव जाकर व्यक्तिगत संपर्क करना एवं संगठन के उद्देश्य से परिचित कराना उनका मुख्य उद्देश्य बन गया है ll तथा जहा भी आवश्यकता पड़ने पर कोरबा से अध्यक्ष श्री रामखिलावन अगरिया जी का सहयोग लेकर संगठन को जन जन तक पहुंचाने के लिए लगातार जन संपर्क एवं छोटे छोटे मीटिंग का भी आयोजन किया जा रहा है ll


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दुबराज सिंह से बात चीत :-
👉👉दुबराज सिंह अगरिया जी का कहना है अगरिया समाज संगठन भारत का उद्देश्य समाज को संगठित करना है, समाज को शिक्षित करना है समाज को संस्कारी नशा मुक्त समाज बनाना है जो एक अनुकरणीय पहल है अगरिया जनजाति मे पैदा होने के नाते मेरा कर्तव्य है की इस मंच के माध्यम से जो अवसर आज अपने समाज को संगठित करने एवं समाज का सेवा करने का अवसर मुझे मिला है मै उसको तन मन धन से करना चाहता हु ll उनका ये भी कहना है की मानव जीवन एक बार मिला है और यदि हम लोग इस जीवन काल मे समाज के लिए कुछ नहीं कर पाए तो ये जीवन व्यर्थ है ll उनका कहना है की मै अगरिया समाज संगठन भारत का आभार प्रकट करता हु की जो इस खोते हुए अस्तित्व को जीवित करने के लिए इतना बड़ा पहल उठा रहा है ll
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राष्ट्रीय संचालक दशरथ अगरिया जी क्या बोले :-
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👉राष्ट्रीय संचालक Dashrath agariya  (दशरथ अगरिया) जी का कहना है संगठन आपका आभार प्रकट करता है आपके द्वारा संगठन के उद्देश्य को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है वो भी गांव गांव घर घर जाकर जो की अनुकरणीय अद्वितीय है आपके इस कार्य को संगठन नमन करता है आप जैसे समाज सेवी बार बार नहीं सदियों मे पैदा लेते है ll और इस समाज संगठन का सौभाग्य है की आप इस संगठन मे कार्यकर्त्ता बनकर समाज की सेवा कर रहे है आज इस विलुप्त होते अगरिया जनजाति समाज के लिए जिसने लोहा जैसे चमत्कारी धातु का अविष्कार खोज किया इस समाज  के अस्तित्व के लिए आप जैसे कार्यकर्त्ता की आवश्यकता इस समाज को एवं संगठन को है ll

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