अगरिया जनजाति समाज के राज्यस्तरीय कार्यक्रम पुष्पराजगढ़ बेनीबारी मे पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष माननीय श्री नरेन्द्र मरावी, पूर्व पुष्पराजगढ़ विधायक माननीय श्री सुदामा सिंह, माननीय श्री शिवराज शाह जी एवं माननीय प्रमोद सिंह जी पहुचे ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति समाज का राष्ट्रीय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ 15.11.2024 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस ll

अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस 15.11.2024 को कोतमा कुशा भाऊ ठाकरे मंगल भवन मे सम्पन्न हुआ ll कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के बच्चे एवं बच्चियों ने बहुत ही सुन्दर आदिवासी गाने एवं अगरिया समाज गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये ll  संस्था के फाउंडर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की संस्था का मुख्य उद्देश्य अगरिया जनजाति के स्तर को , आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर से मजबूत बनाना है ll अगरिया जनजाति समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है इस जनजाति समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही शिक्षित है और ना ही व्यवसायिक है ll बताया गया की अगरिया जनजाति समाज के लोग पूर्व प्राचीन समय मे जंगलो मे निवास करते थे जहा वो लोहा बनाने (गलाने) का काम करते थे ll अगरिया जनजाति ही वो समाज है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर) की पहचान किया और पारम्परिक भट्टी मे लौह अयस्क को गलाकर लोहा जैसे चमत्कारिक धातु को बनाया और देश दुनिया समाज को लोहा से अवगत कराया , यानि लोहा बनाने की संस्कृति

अगरिया जनजाति समाज के राज्यस्तरीय कार्यक्रम पुष्पराजगढ़ बेनीबारी मे पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष माननीय श्री नरेन्द्र मरावी, पूर्व पुष्पराजगढ़ विधायक माननीय श्री सुदामा सिंह, माननीय श्री शिवराज शाह जी एवं माननीय प्रमोद सिंह जी पहुचे ll

अगरिया जनजाति समाज के राज्यस्तरीय कार्यक्रम पुष्पराजगढ़ बेनीबारी मे पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष माननीय श्री नरेन्द्र मरावी, पूर्व पुष्पराजगढ़ विधायक माननीय श्री सुदामा सिंह, माननीय श्री शिवराज शाह जी एवं माननीय प्रमोद सिंह जी पहुचे ll
👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
दिनांक 15/01/2023 को अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के मार्गदर्शन मे जिला इकाई अनूपपुर के ब्लॉक पुष्पराजगढ़ ग्राम बेनीबारी मे अगरिया समाज जनजागरूकता राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हुआll कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय संचालक दशरथ अगरिया एवं उनके टीम के द्वारा किया गया ll कार्यक्रम मे आमंत्रित सांसद प्रतिनिधि भूतपूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष माननीय श्री नरेन्द्र मरावी जी, माननीय श्री शिवराज शाह जी, भूतपूर्व पुष्पराजगढ़ विधायक माननीय श्री सुदामा सिंह जी, पुष्पराजगढ़ मंडल अध्यक्ष माननीय श्री प्रमोद जी, एवं श्री अर्जुन सिंह जी का आगमन हुआ ll कार्यक्रम मे माननीय नरेंद्र मरावी जी द्वारा अगरिया समाज को सम्बोधित करते हुए कहा गया की अगरिया जनजाति एवं वैज्ञानिक समाज हैं उनके द्वारा सर्वप्रथम लौह अयस्क की पहचान किया गया और इस दुनिया को समाज को सर्वप्रथम लोहा बनाकर दिया उनके बनाये लोहे मे शुद्धता पायी जाती हैं ll तथा अगरिया जनजाति पूर्व से एक प्रतिभाशाली समाज रहा हैं जिन्होंने लोहे का निर्माण किया ll उन्होंने ये भी कहा की जहा जहा गोंड जनजाति पायी जाती हैं वहा वहा अगरिया जनजाति भी पायी जाती हैं दोनों की संस्कृति, रीति रीवाज एक से हैं ll आज अगरिया जनजाति जो की एक वैज्ञानिक समाज हैं इनको संरक्षित करना आवश्यक हैं ll शिक्षा के स्तर पर मजबूत बनाना  हैं जिससे इस जनजाति का सामाजिक स्तर भी अन्य समाज की तरह बेहतर हो सकेगा ll जिसमे मध्यप्रदेश सरकार एवं भारत सरकार का पूरा योगदान होगा ll माननीय नरेन्द्र मरावी जी ने अगरिया जनजाति के मांग (जो की अगरिया समाज हेतु भवन, एवं संगीत सामग्री रही हैं ll) मांगो पर बोले की सामाजिक स्तर को ऊँचा उठाने के लिए बैठक करना पड़ता हैं जहा कई लोग एकत्रित होते हैं जिसके लिए एक निर्धारित स्थान का होना आवश्यक हैं उन्होंने कहा अगरिया समाज हेतु  लगभग 1000-1200 की क्षमता का सामुदायिक भवन की स्वीकृत प्रदान किया जाता हैं ll जहा अगरिया समाज के स्वजातीय बंधु एक साथ एकत्रित होकर समाज के स्तर को ऊँचा उठाने मे विचार विमर्श कर सकेंगे ll इसके साथ ही उन्होंने कहा आदिवासी संस्कृति रीति रीवाज जो की देश का धरोहर हैं जिसके लिए संगीत सामग्री जैसे, मादर, ढोलक, मंजीरा, हारमोनियम, माइक, तबल हेतु राशि समाज को संगठन को प्रदान किया जायगा ll और उन्होंने कहा की अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास के लिए उनका साथ सहयोग सदैव रहेगा ll इसके पश्चात पूर्व विधायक पुष्पराजगढ़ माननीय सुदामा सिंह जी भी अगरिया समाज के उत्थान विकास मे साथ सहयोग की बात किये जहा भी आवश्यकता होंगी सदैव उनका योगदान होगा उन्होंने कहा ll इसके पश्चात अंत मे माननीय श्री शिवराज शाह जी द्वारा अगरिया जनजाति की संस्कृति को संरक्षित करने, तथा समाज को कैसे मजबूत और सशक्त बनाना हैं कैसे बच्चों को शिक्षित करना सभी बिन्दुओ पर गहराई से सुझाव एवं मार्गदर्शन दिए तथा समाज के उत्थान विकास मे सदैव साथ सहयोग की बात बोले ll अंत मे राष्ट्रीय  अगरिया समाज संचालक दशरथ अगरिया जी द्वारा माननीय जनप्रतिनिधियों का संगठन एवं समाज की ओर से आभार प्रकट किया गया और कहा गया की आपके आगमन एवं अगरिया समाज के प्रति आपके विचार से हमारे समाज को जो मान सम्मान मिला हैं वो हमारे समाज के लिए गौरव का विषय हैं जिसके लिए सम्पूर्ण संगठन एवं समस्त अगरिया समाज के स्वजातीय बंधु आपके आभारी हैं ll
इसके पश्चात कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय संचालक दशरथ अगरिया जी द्वारा समाज को संगठित होने, समाज को शिक्षित बनाने, समाज को नशा मुक्त बनाने, सहयोग प्रदान करने का आह्वान किये और सभी को संगठन से मजबूती से जुड़ने और संगठन को मजबूत बनाने पर बात किये ll इसके साथ ही अध्यक्ष श्री रामखिलावन अगरिया जी द्वारा भी संगठन को जमीनी स्तर से मजबूत बनाने और सभी संगठन से जुड़ने को बोले जिससे समाज को उसका अस्तित्व प्राप्त हो सके ll इसके आलावा मंचासीन समस्त स्वजातीय बंधुओ द्वारा समाज के उत्थान विकास मे अपने अपने विचार रखे ll जिला अनूपपुर की ओर से आयोजक समिति मे राष्ट्रीय संचालक दशरथ अगरिया जी एवं टीम माखन अगरिया (पुष्पराजगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष ), गोरेलाल अगरिया (ब्लॉक संचालक), रामप्रसाद अगरिया, मनीराम अगरिया, बुधराम अगरिया, श्री मति बुद्ध वती अगरिया,संतरिया देवी अगरिया,अम्बिका अगरिया, सोप सिंह अगरिया, कैलाश अगरिया, बसंत अगरिया, मकरंद अगरिया सहित कई स्वजातीय बंधु एवं माताए बहने उपस्थित रहे ll
इसके साथ ही संगठन अध्यक्ष श्री रामखिलावन अगरिया जी, अन्नू अगरिया,सुखित अगरिया, लक्ष्मी अगरिया, सोहरी अगरिया, जागेराम अगरिया, रामसरोवर अगरिया, विजय अगरिया, सूरजलाल मरावी, सुखलाल अगरिया, बीरबल अगरिया, राजकुमार अगरिया, पन्नेलाल अगरिया, महिपाल अगरिया, भैयालाल अगरिया, राजाराम फूलझरिया, प्रीतम सोनवानी सहित जिला शहडोल, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, मंडला, अनूपपुर, डिंडोरी कोरबा, कोरिया, कबीरधाम, कई राज्यों के अगरिया समाज के स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे ll

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद एवं गोरकु गोत्र की कहानी

सोनवानी गोत्र ,केरकेता ,बघेल ,अइंद  एवं गोरकु   गोत्र की कहानी एवं इससे जुड़े कुछ किवदंती को आइये जानने का प्रयास करते है। जो अगरिया जनजाति  के  गोत्र  है।  किवदंतियो को पूर्व में कई इतिहास कारो द्वारा लेख किया गया है जिसको आज मै  पुनः आप सभी के समक्ष रखने का  हु। तो आइये जानते है -  लोगुंडी राजा के पास बहुत सारे पालतू जानवर थे। उनके पास एक जोड़ी केरकेटा पक्षी ,एक जोड़ी जंगली कुत्ते तथा एक जोड़ी बाघ थे। एक दिन जंगली कुत्तो से एक लड़का और लड़की पैदा हुए। शेरो ने भी एक लड़का और लड़की को  जन्म दिया। केरकेटा पक्षी के जोड़ो ने दो अंडे सेये और  उनमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। एक दिन लोगुंडि राजा मछली का शिकार करने गया तथा उन्हें एक ईल मछली मिली और वे उसे घर ले आये। उस मछली को पकाने से पहले उन्होंने उसे काटा तो उसमे से भी एक लड़का और लड़की निकले। उसके कुछ दिनों बाद सारे पालतू जानवर मर गए सिर्फ उनके बच्चे बचे। उन बच्चो को केरकेता ,बघेल, सोनवानी तथा अइंद गोत्र  जो क्रमश पक्षी ,बाघ ,जंगली कुत्ते ,तथा ईल मछली से पैदा  हुए थे। उन्होंने आपस  कर ली लोगुन्दी राजा के अपने एक बेटा बेटी थे। ें लोगो ने हल्दी बोई

agariya kaoun haiअगरिया कौन है

  अगरिया मध्य भारत के वे आदिवासी समुदाय है जो लोहा गलाने यानि की लौह प्रगलक का कार्य करते है उनका मुख्य व्यवसाय लोहे से जुड़ा होता है अगरिया अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आते है। अगरिया समुदाय पत्थर से लोहा गलाते है लेकिन वर्तमान  में पत्थर पर सरकार द्वारा रोक लगाया गया  है जिससे उनका व्यवसाय काफी प्रभावित है। अतः अगर वर्तमान की बात करे तो अगरिया समुदाय इस समय अपने क्षेत्र में जिस ग्राम या परिवेश में रह रहे है वही के लोगो का उपयोग की सामग्री बनाकर उनको देते है तथा अपने किसानो का (जिनके ऊपर वे आश्रित है ) समबन्धी समस्तलोहे का कार्य करते है एवं अपने मेहनत का पैसा या खाद्यान्न लेकर अपने एवं अपने बच्चो का पालन पोषण कर रहे है। अगरिया समुदाय की पहचान अभी भी कई जगह में एक समस्या है है कई जगह उनको गोंड भी कह दिया जाता है ,लेकिन ऐसा कहना किस हद तक सही है पर  ,हां अगरिया को गोंडो का लोहार जरूर कहा जाता है लेकिन वास्तव में में अगरिया गोंड नहीं है बल्कि  गोंडो की उपजाति है। अगरिया मध्य भारत के लोहा पिघलाने वाले और लोहारी करने वाले लोग है जो अधिकतर मैकाल पहाड़ी क्षेत्र में पाए जाते है लेकिन अगरिया क्

अगरिया गोत्र agariya gotra

  अगरिया समाज गोत्र  अगरिया समाज  आदिम मानव काल की प्रजाति है जो प्राचीन काल से  लौह  का प्रगलन करते आया है आज भी अगरिया आदिवासी समुदाय लोहे का व्यवसाय अपनाया हुआ है जो अगरिया आदिवासी की मुख्य व्यवसाय है लोहे की सम्मग्री बनाना लोहे के साथ आग पर काम करना आज भी सतत रूप से जारी है।   अगरिया समाज में कई गोत्र है जो कई प्रकार के है नीचे पढ़िए अगरिया समाज का सम्पूर्ण गोत्रावली  सोनवानी , सनवान ,सोनहा , 2 -अहिंदा , अहिंदवार , अहिंधा 3-चिरई , छोटे चिरई  4 -रन चिरई  5 -मराई ,मरावी ,मरई (7 देवता ) 6 -गैंट ,कांदा ,बेसरा  7 -पोर्ते ,पोरे  8 -टेकाम                ९ -मरकाम    10 - धुर्वे , कछुआ ,धुरवा     11-गुइडार ,गोहरियार ,गोयरार    12 -गिधली , गिधरी   13 - नाग   14 -परसा   15 -गढ़कू ,गोरकु   16 - बरंगिया , बरगवार                                    17 -कोइलियासी   18 -बाघ ,बघेल   19 -खुसरो ,खुसर   20 -मसराम  21 -पन्द्रो   22 -परतेती 23 -पोट्टा   24 -श्याम (7 देवता )  25 -तिलाम   26 -कोरचो   27-नेताम (4 देवता )  28 -भैरत ,भरेवा ,भवानर        29 -दूधकावर  30-कुमुन्जनि ,मुंजनी ,मुंजना (वृक्ष )  31 -मह