अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस 15.11.2024 को कोतमा कुशा भाऊ ठाकरे मंगल भवन मे सम्पन्न हुआ ll कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के बच्चे एवं बच्चियों ने बहुत ही सुन्दर आदिवासी गाने एवं अगरिया समाज गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये ll संस्था के फाउंडर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की संस्था का मुख्य उद्देश्य अगरिया जनजाति के स्तर को , आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर से मजबूत बनाना है ll अगरिया जनजाति समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है इस जनजाति समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही शिक्षित है और ना ही व्यवसायिक है ll बताया गया की अगरिया जनजाति समाज के लोग पूर्व प्राचीन समय मे जंगलो मे निवास करते थे जहा वो लोहा बनाने (गलाने) का काम करते थे ll अगरिया जनजाति ही वो समाज है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर) की पहचान किया और पारम्परिक भट्टी मे लौह अयस्क को गलाकर लोहा जैसे चमत्कारिक धातु को बनाया और देश दुनिया समाज को लोहा से अवगत कराया , यानि लोहा बनाने की संस्कृति
इलाज हेतु सहयोग राशि प्रदान किया गया सीधी के सुखलाल अगरिया जी को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा ll
इलाज हेतु सहयोग राशि प्रदान किया गया सीधी के सुखलाल अगरिया जी को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा ll 👇🏻 जानिए क्या हैं पूरा मामला बीते दिन 17/02/2023 को सीधी जिला निवासी सुखलाल अगरिया जी जो. की शादी मे सम्मिलित होने पूरे परिवार सहित कोरिया जिला गए हुए थे वही अचानक देर रात लगभग 12 बजे से उनका छोटा पुत्र जो लगभग 1 साल का होगा अचानक से उल्टी - दस्त करना सुरु कर दिया काफी प्रयास के बाद भी कोई सुधार नहीं आया ll सुखलाल जी बच्चे को लेकर अपने गृह ग्राम सीधी आ गए वहां दो दिन इलाज कराये लेकिन बच्चे के तबियत मे कोई सुधार नहीं आया फिर उनके द्वारा अपने ससुराल की ओर बच्चे को लेकर प्रवास किया गया जहा पर प्राइवेट अस्पताल मे इलाज कराया गया तो जाकर बच्चे मे धीरे धीरे आराम हुआ और अभि बालक लगभग पूरी तरह स्वस्थ्य हैं ll लेकिन इस दौरान सुखलाल अगरिया जी का काफी खर्च हुआ ll और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हैं प्रतिदिन मजदूरी कर के अपना एवं परिवार के भरण पोषण करते थे ऐसे स्थिति मे उनके सामने एक चुनौती हो गयी थी की आगे का इलाज कैसे पूरा कराये पूरे रास्ते बंद हो गए थे वास