लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के पदाधिकारी दिनांक 18/02/2023 को श्री दशरथ अगरिया, रामखिलावन अगरिया, सुखित अगरिया, दुबराज अगरिया, पूरासाय अगरिया,जगदीश अगरिया जी पहुचे संगठित समाज के निर्माण के लिए झारखण्ड अगरिया असुर आदिम जनजाति विकास समिति के 23वे स्थापना दिवस मे ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के पदाधिकारी दिनांक 18/02/2023 को श्री दशरथ अगरिया, रामखिलावन अगरिया, सुखित अगरिया, दुबराज अगरिया, पूरासाय अगरिया,जगदीश अगरिया जी पहुचे संगठित समाज के निर्माण के लिए झारखण्ड अगरिया असुर आदिम जनजाति विकास समिति के 23वे स्थापना दिवस मे ll

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के पदाधिकारी श्री दशरथ अगरिया, रामखिलावन अगरिया, सुखित अगरिया, दुबराज अगरिया, पूरासाय अगरिया,जगदीश अगरिया जी पहुचे संगठित समाज के निर्माण के लिए झारखण्ड अगरिया असुर आदिम जनजाति विकास समिति के 23वे स्थापना दिवस मे ll
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झारखण्ड मे अगरिया असुर आदिम जनजाति विकास समिति का 23 स्थापना दिवस प्रदेश अध्यक्ष श्री अनिल अगरिया जी की अध्यक्षता  एवं उनकी समिति मुकेश अगरिया प्रदेश सचिव, विनोद अगरिया प्रदेश कोषाध्यक्ष, पंकज अगरिया प्रदेश सयोजक जी के नेतृत्व मे मनाया गया ll जहा झारखण्ड मे अगरिया आदिवासी समाज को संगठित करना एवं समाज के हक अधिकारों को दिलाना रहा हैं तथा अगरिया जनजाति को सम्पूर्ण भारत स्तर पर विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा देना रहा हैं ll श्री अनिल अगरिया जी एवं उनके समिति के कुशल नेतृत्व एवं समाज के प्रति विकास करने एवं संगठित समाज के जज्बे ने प्रभावपूर्ण तरीके से  राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संचालक दशरथ अगरिया को विशिष्ट अतिथि के रूप मे आमंत्रित किये राष्ट्रीय अगरिया समाज संघ के उद्देश्य की जानकारी के लिए की वास्तव मे राष्ट्रीय संघ एक संगठित समाज का निर्माण कर रहा हैं तो उद्देश्य क्या हैं ll जहाँ विशिष्ट अतिथि के रूप मे दशरथ अगरिया जी एवं पूरी टीम रामखिलावन अगरिया जी, सुखित अगरिया जी,दुबराज अगरिया जी, पूरासाय अगरिया जी कार्यक्रम मे उपस्थित हुए ll
जहा दशरथ अगरिया जी द्वारा कार्यक्रम मे सम्बोधित करते हुए कहा गया की श्री अनिल अगरिया जी संगठित समाज के प्रति जो जज्बा आपने दिखाया हैं वास्तव मे एक दिन समाज के इतिहास मे बड़े आदर के साथ आपका नाम लिया जायगा ll क्योंकि आज से 3 साल से सम्पूर्ण भारत स्तर पर अगरिया समाज के एक मंच बनाने की पहल लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा हैं ll जहा संघ द्वारा "अगरिया समाज जोड़ो " अभियान के तहत गांव गांव जिला जिला राज्य राज्य जाकर सम्पूर्ण भारत स्तर पर मुहीम चलाया जा रहा हैं ll आज राष्ट्रीय संघ के सफल प्रयास और मेहनत से मध्यप्रदेश, छत्तीशगढ़, उत्तर प्रदेश एक संगठित राज्य हो चुके हैं ll तथा झारखण्ड के लिए कई साल से प्रयास किया जा रहा था लेकिन पूर्व कार्यकर्ताओ के नीरस विचार धारा के वजह से झारखण्ड राष्ट्रीय संघ के साथ संगठित नहीं हो पा रहा था ll लेकिन आज जो विचार, जो जज्बा, समाज के प्रति प्रेम और जो समाज की आज आवश्यकता हैं झारखण्ड के अध्यक्ष अनिल अगरिया जी एवं उनकी समिति ने दिखाया हैं वास्तव मे सराहनीय अनुकरणीय हैं की आज झारखण्ड एक संगठित राज्य के रूप मे राष्ट्रीय संघ के साथ जुड़ने को तत्पर हैं ll उन्होंने ये भी कहा की आज समाज के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए सम्पूर्ण समाज को संगठित होना आवश्यक हैं समाज के उत्थान विकास के सभी को मिलकर कार्य करने होंगे ll आज समाज जो पिछड़ा हुआ हैं हम सब को आगे बढ़कर समाज के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए प्रयास करना होगा ll सम्पूर्ण अगरिया जनजाति को शिक्षित करना होगा, आर्थिक, सामाजिक जैसे सभी स्तर को ऊँचा उठाने के लिए अपना अपना सहयोग देना होगा तभी समाज विकास करेगा हक अधिकार के लिए मिलकर लड़ना होगा ll आज समाज के लिए हर जिले मे हर गांव मे हर राज्य मे अपने अपने स्तर से समाज के उत्थान विकास के लिए काम हो रहा हैं लेकिन समाज मे वो परिणाम नजर नहीं आ रहा हैं जो अन्य समाज मे हैं चाहे वो शिक्षा के स्तर मे हो या, नौकरी मे हो या व्यवसाय मे हो  या अधिकारों मे हो ll यदि इन सब स्तर से समाज को मजबूत बनाना हैं तो एक साथ मिलकर अपना अपना सहयोग देना होगा ll कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक हैं और भारत मे रहने वाले सम्पूर्ण अगरिया जनजाति एक हैं हम सब एक परिवार हैं चाहे हम भारत के किसी कोने मे रहे ll हम अपने समाज को राज्य, जिला, गांव मे नहीं बाट सकते हैं ll तो आइये अपने विचार को एक करें और अपने समाज के उत्थान के लिए समाज का एक मंच तैयार करें ll क्योंकि जीवन एक बार मिला हैं और जीवन को इस समाज के लिए साकार बनाये जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्जवल हो हमारे बच्चों को किसी प्रकार की समस्याओ का सामना ना करना पड़े ll इसके अलावा समाज के स्वजातीय बंधु समाज मे धर्म परिवर्तन ना करें समाज की संस्कृति रीति रीवाज हमारा धरोहर हैं जिसको हम सभी को संजोये रखना हैं और समाज को नशा मुक्त और संस्कारी समाज  बनाने के लिए समाज से मांस मदिरा का लेनदेन बंद करना होगा जिससे समाज मे अच्छा सन्देश जाय और आने वाली पीढ़ी हमारी संस्कारी हो सके ll उक्त बातो को राष्ट्रीय डायरेक्टर दशरथ अगरिया जी सम्बोधित करते हुए बोले ll कार्यक्रम के अंत मे लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की ओर से राष्ट्रीय डायरेक्टर दशरथ अगरिया जी एवं टीम के द्वारा झारखंड समिति का स्वागत फूल माला पहनाकर किया गया और सभी का धन्यवाद किये ll

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