इलाज हेतु सहयोग राशि प्रदान किया गया सीधी के सुखलाल अगरिया जी को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

इलाज हेतु सहयोग राशि प्रदान किया गया सीधी के सुखलाल अगरिया जी को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा ll

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जानिए क्या हैं पूरा मामला
बीते दिन 17/02/2023 को सीधी जिला निवासी सुखलाल अगरिया जी जो. की शादी मे सम्मिलित होने पूरे परिवार सहित कोरिया जिला गए हुए थे वही अचानक देर रात लगभग 12 बजे से उनका छोटा पुत्र जो लगभग 1 साल का होगा अचानक से उल्टी - दस्त करना सुरु कर दिया काफी प्रयास के बाद भी कोई सुधार नहीं आया ll सुखलाल जी बच्चे को लेकर अपने गृह ग्राम सीधी आ गए वहां दो दिन इलाज कराये लेकिन बच्चे के तबियत मे कोई सुधार नहीं आया फिर उनके द्वारा अपने ससुराल की ओर बच्चे को लेकर प्रवास किया गया जहा पर प्राइवेट अस्पताल मे इलाज कराया गया तो जाकर बच्चे मे धीरे धीरे आराम हुआ और अभि बालक लगभग पूरी तरह स्वस्थ्य हैं ll लेकिन इस दौरान सुखलाल अगरिया जी का काफी खर्च हुआ ll और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हैं प्रतिदिन मजदूरी कर के अपना एवं परिवार के भरण पोषण करते थे ऐसे स्थिति मे उनके सामने एक चुनौती हो गयी थी की आगे का इलाज कैसे पूरा कराये पूरे रास्ते बंद हो गए थे वास्तव मे क्या करेंगे ll लेकिन वो संगठन से जुड़े थे संगठन के गतिविधि मे लगातार उनका योगदान रहा हैं उन्होंने संगठन मे राष्ट्रीय संचालक दशरथ अगरिया जी  को कॉल करके पूरी आप बीती बात उन्होंने बताया और कुछ सहयोग की अपील किये संचालक महोदय द्वारा उनको आश्वासन दिया गया की संगठन उनके साथ हैं सम्पूर्ण इलाज की जिम्मेदारी संगठन लेगा और तत्काल कोर समिति से बात करते हुए सहयोग करने की बात किये और संगठन की ओर से सहयोग हुआ और संगठन की ओर से सुखलाल अगरिया जी को उनके पुत्र के इलाज हेतु उनके फोन पे पर 2100/- की सहयोग राशि भुगतान किया गया ll और आज बच्चा मस्त हैं स्वस्थ्य हैं ll
संगठन हर स्थिति मे समाज के उत्थान विकास मे सहयोग प्रदान करता है चाहे वो शिक्षा हो दशगात्र हो या कोई अन्य लेकिन उसके लिए आपको संगठन के गतिविधि को जिलों मे अपने पहुँचाना होगा, संगठन से जुडा होना होना एवं संगठन का कार्यकर्त्ता होना अनिवार्य हैं ll
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सुखलाल अगरिया जी ने क्या कहा सहयोग के बाद पूरा पढ़े ll
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