अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का पांचवा स्थापना दिवस 15.11.2024 को कोतमा कुशा भाऊ ठाकरे मंगल भवन मे सम्पन्न हुआ ll कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के बच्चे एवं बच्चियों ने बहुत ही सुन्दर आदिवासी गाने एवं अगरिया समाज गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये ll संस्था के फाउंडर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया द्वारा बताया गया की संस्था का मुख्य उद्देश्य अगरिया जनजाति के स्तर को , आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर से मजबूत बनाना है ll अगरिया जनजाति समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है इस जनजाति समाज के लोग ना तो नौकरी मे है ना ही शिक्षित है और ना ही व्यवसायिक है ll बताया गया की अगरिया जनजाति समाज के लोग पूर्व प्राचीन समय मे जंगलो मे निवास करते थे जहा वो लोहा बनाने (गलाने) का काम करते थे ll अगरिया जनजाति ही वो समाज है जिसने सर्वप्रथम लौह अयस्क(लौह पत्थर) की पहचान किया और पारम्परिक भट्टी मे लौह अयस्क को गलाकर लोहा जैसे चमत्कारिक धातु को बनाया और देश दुनिया समाज को लोहा से अवगत कराया , यानि लोहा बनाने की संस्कृति
आज दिनांक 30/04/2023 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन कार्यालय मे संगठन एवं अगरिया जनजाति समाज को अपने संगीत गीत के माध्यम से जगाने वाले गायक " श्री रामविलास अगरिया जी अनूपपुर को संगठन कार्यालय मे सह सम्मान आमंत्रित किया गया गया जहाँ संगठन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया द्वारा श्री मायाराम अगरिया अनूपपुर जिलाध्यक्ष के हाथों पुरुस्कार / भेट स्वरुप एक सेट शेरवानी डिज़ाइन (कुर्ता पैजामा) श्री रामविलास जी को भेट स्वरुप प्रदान किया गया ll संगठन इनके कला एवं गीत को धन्यवाद देता हैं जिससे आज इनके कला के वजह से अगरिया समाज के गाने हर जगह अगरिया जनजाति के अस्तित्व को बता रहे हैं पहचान को बता रहे हैं ll आज अगरिया जनजाति के पहचान अस्तित्व को उजागर करने की आवश्यकता हैं समाज के हर वीरांगना एवं स्वजातीय बंधुओ से संगठन अपील करता हैं संगठित होकर एस समाज को संरक्षित करें एवं समाज मे शिक्षा के लिए पहल करें, समाज को संस्कारी, नशा मुक्त समाज बनाये ll💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐