अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।
दिनांक 26/05/2023 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया जी का बिलासपुर जाना हुआ जहाँ वापसी के दौरान संगठन डायरेक्टर श्री रामखिलावन अगरिया जी कोरबा निवासी के साथ मिलकर जिला कोरबा के संगठन के प्रमुख कार्यकर्त्ता साथियों से मिल कर संगठन के गतिविधियों को आगे बढ़ाने की चर्चा की पहल की गयी ll जहाँ बारी बारी से जिला कोरबा के कुछ प्रमुख कार्यकर्ता जो संगठन मे बीते कुछ दिनों से शून्य अवस्था मे रहे हैं घर पर जाकर बारी बारी से मिला गया ll संगठन की ओर से जिला कोरबा के प्रमुख कार्यकर्त्ता के रूप मे नियुक्त कार्यकर्त्ता ग्राम नुनेरा से श्री सुदर्शन अगरिया जी से उनके ग्राम जाकर संपर्क किया गया जहाँ संगठन के गतिविधि को आगे बढ़ाने एवं समाज के उत्थान विकास मे समाज के प्रति जिम्मेदारी लेने की बात बोला गया ll इसके पश्चात ग्राम झाबर मे श्री उमेंद सिंह अगरिया जी एवं उनके पूरे परिवार से मुलाक़ात किया गया जहाँ संगठन के गतिविधि को आगे बढ़ाने एवं शिक्षा, सहयोग जैसे कई मुद्दों पर चर्चा उनके पूरे परिवार के साथ हुआ ll इसके पश्चात ग्राम सालिहा पारा मे दुबर