अगरिया समाज की बैठक सिंगरौली मे संपन्न हुआ (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के मार्गदर्शन मे ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

अगरिया समाज की बैठक सिंगरौली मे संपन्न हुआ (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के मार्गदर्शन मे ll

सिंगरौली मध्यप्रदेश मे दिनांक 07/05/2023 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के मार्गदर्शन मे अगरिया जनजाति समाज की बैठक संपन्न हुई ll जहाँ अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास के सम्बन्ध मे शपथ ग्रहण एवं एजेंडा वाचन हुआ  ll राष्ट्रीय संघ द्वारा  नियुक्त माननीय नोडल महोदय श्री बीरबल अगरिया जी द्वारा संघ द्वारा प्रदाय एजेंडा को उपस्थित समस्त उपस्थित स्वजातीय बंधुओ को बिंदुवार पढ़कर बताया गया ll समाज मे शिक्षा को लेकर चर्चा हुआ जहाँ समाज मे बच्चों को शिक्षित करने हेतु बच्चों को सहयोग देना, समाज मे नशा का लेनदेन बंद करना, समाज मे नशापान करके बैठने ओर प्रतिबंधित करने, अगरिया समाज को संगठित करने करने तथा समाज को एक विचार धारा मे चलने तथा अगरिया जनजाति को संरक्षित करने  तथा अगरिया जनजाति के स्तर रहन सहन को देखते हुए अगरिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति मे सम्मिलित करने हेतु मध्यप्रदेश सरकार से मांग पर चर्चा हुआ ll इसके अलावा सभी को बताया गया की लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का उद्देश्य समाज के अंतिम छोर मे खड़े अगरिया समाज के व्यक्ति को संगठन से जोड़ना हैं जिससे संगठन के उद्देश्य के अनुसार परिवार समाज का विकास हो सके आज संगठन द्वारा समाज के प्रत्येक स्वजातीय बंधुओ को उनके घर मे कोई शोक सन्देश समाचार पर आर्थिक सहयोग परिवार को किया जाता हैं, इसके साथ ही शिक्षा के लिए बच्चों को सहयोग किया जाता हैं तथा क्लास 8वी 10वी 12वी मे मे 80% से ऊपर के अंक अर्जित करने पर बच्चे तथा माता पिता को सम्मानित किया जाता हैं ऐसे कई उदेश्य को लेकर लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन कार्य कर रहा हैं सभी को बताया गया और संगठन से जुड़ कर संगठन को स्वेच्छानुसार 1 रूपए से लेकर जितना चाहे दान करने की बात कही गयी ll जिससे दान राशि का प्रयोग समाज मे शिक्षा, दशगात्र जैसे कार्य मे सहयोग प्रदान किया जा सकेगा ll आज अगरिया जनजाति की अवश्यकता को देखते हुए समाज का संगठित होना अनिवार्य हैं ये समाज के हर व्यक्ति को समझना होगा तभी समाज का उत्थान विकास होगा ll
कार्यक्रम मे जिला सिंगरौली के पदाधिकारी एवं गांव गांव से स्वजातीय बंधु माताए बहने उपस्थित रहे ll राजकुमार अगरिया जिलाध्यक्ष सिंगरौली, पन्नेलाल अगरिया महामंत्री, बृजलाल अगरिया, बृजेश अगरिया, महिपाल अगरिया, राजपाल अगरिया सहित कई स्वजातीय बंधु एवं माताए बहने उपस्थित रहे ll
उक्त समस्त कार्यक्रम राष्ट्रीय लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा नियुक्त नोडल कार्यकर्त्ता अधिकारी श्री बीरबल अगरिया सीधी जी की उपस्थित मे संपन्न हुआ ll कार्यक्रम के अंत मे शपथ ग्रहण कराया गया और सभा का समापन हुआ ll
उक्त कार्यक्रम पर राष्ट्रीय संघ मैनेजिंग डायरेक्टर द्वारा माननीय नोडल महोदय श्री बीरबल अगरिया जी एवं जिला सिंगरौली के समस्त स्वजातीय बंधुओ का आभार प्रकट किये ll की आपके समाज के प्रति जज्बे को सम्पूर्ण समाज नमन करता हैं ll जो आने वाले अगरिया समाज मे बदलाव अवश्य लाएगा ll

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