अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।
दिनांक 27/08/2023 को ग्राम अमलाडीह ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा जो की जिला कोरबा छत्तीशगढ़ मे आता हैं ll अगरिया समाज का बैठक लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के माननीय डायरेक्टर महोदय श्री रामखिलावन अगरिया जी, कार्यकर्त्ता दुबराज सिंह अगरिया जी, उमेंद अगरिया जी, पोराशाय अगरिया जी की मुख्य आयोजन मे संपन्न हुआ इसके आलावा कई स्वजातीय बंधु एवं माताए बहने कार्यक्रम मे उपस्थित रहे llअगरिया जनजाति समाज को एक करने वाला मंच लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासम्मेलन 2023 को लेकर जो की जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश के कोतमा मे दिनांक 24/09/2023 को संपन्न होना हैं उक्त के सम्बन्ध मे बैठक का आयोजन हुआ ll जहाँ बैठक मे उपस्थित समस्त स्वजातीय बंधुओ माताओ बहनो को कार्यक्रम मे सम्मिलित होने हेतु कहा गया ll एवं संगठन जो की समाज के उत्थान विकास के लिए हैं जिसका निर्माण राष्ट्रीय स्तर पर किया गया हैं जिनके गतिविधियों के आयोजन हेतु सामाजिक सहयोग की भी बात रखी गयी जहाँ बैठक मे उपस्थित समस्त स्वजातीय बंधुओ ने अपने सहमति दर्ज की और राष्ट्रीय महासम्मेलन 2023 कार्यक्रम मे सम्मिलित होने एवं अ