अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।
15 नवंबर को फाउंडेशन का चौथा स्थापना दिवस 2023 कहाँ और कैसे मनाया जाना है गाइडलाइन जारी लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा ll
लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का स्थापना दिवस कब और कैसे मनाया जाना है फाउंडेशन द्वारा गाइड लाइन जारी कर दी गयी है ll आपको बता दे लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का (निर्माण )स्थापना दिनांक 15 नवंबर 2019 को हुआ था जिसका उद्देश्य अगरिया जनजाति समाज को संरक्षित करना संस्कृति को संरक्षित करना, संगठित समाज का निर्माण सम्पूर्ण भारत स्तर पर करना,शिक्षा, नशा मुक्ति, सहयोग, एवं अगरिया समाज के सम्पूर्ण उत्थान विकास को लेकर कई उद्देश्य के तहत फाउंडेशन कार्य कर रहा है ll उक्त कई वर्षो से फाउंडेशन लगातार अगरिया समाज के अस्तित्व की प्राप्ति हेतु प्रयास करता चला आ रहा है ll फाउंडेशन सफलता पूर्वक 3 वर्ष पूरा कर चुका ll अब आने वाले 15 नवंबर 2023 को संगठन का चौथा स्थापना दिवस मनाया जाना है जिसके सम्बन्ध मे संगठन ने गाइड लाइन जारी कर दिया है की कहाँ,कैसे, किस प्रकार फाउंडेशन का स्थापना दिवस मनाया जाना है ll फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया द्वारा जानकारी दी गयी की फाउंडेशन के चौथे स्थापना दिवस जो 15 नवंबर 2023 को मनाया जाना है उसको अगरिया जनजाति के गौरव दिवस के रूप मे मनाया जा