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अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के बारे मे पूरी जानकारी ll

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन क्या हैं, इसके मैनेजिंग डायरेक्टर कौन हैं, डायरेक्टर्स कौन कौन हैं,किस मकसद के तहत कार्य कर रहा हैं, उद्देश्य क्या हैं, कार्य करने का तरीका क्या हैं, सफलता कैसे मिलेगा ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के सारे सवालों के जवाब आज हम जानेगे ll तो मित्रो आगे बढ़ने से पहले आपको बता दे यू ट्यूब पर लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के गतिविधि को देखने के लिए यू ट्यूब पर सर्च करिये "agariya samaj sangathan bharat" और चैनल को सब्सक्राइब करके जुड़ जाइये जिससे आपको संस्था के कार्यो गतिविधि की जानकारी मिलती रहेगी ll तो मित्रो चलिए बात करते हैं ll
1-लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन क्या हैं :- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन एक (चैरीटेबल ) भारत सरकार से(सेक्शन -8 के तहत) रजिस्टर्ड सामाजिक संस्था हैं जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज के लिए चैरिटी करना हैं सामाजिक कार्य करना हैं इसका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण भारत हैं ll अगरिया जनजाति का उत्थान विकास ही इस संस्था का उद्देश्य हैं मकसद हैं ll
2-संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर :- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री दशरथ प्रसाद अगरिया जी हैं ll जो अनूपपुर जिला मध्यप्रदेश से हैं जो पेशे से शिक्षक भी हैं ll
3-संस्था के अन्य डायरेक्टर्स :- श्री अन्नू अगरिया (कबीरधाम छ. ग), रामखिलावन अगरिया कोरबा(छ.ग), विजय अगरिया उमरिया (मप्र), श्री मति लक्ष्मी अगरिया मनेन्द्रगढ़ (छ.ग) एवं श्री मति सोहरी जी मनेन्द्रगढ़ (छ.ग) एवं दिलहरण अगरिया जी कोरबा छत्तीसगढ़ से हैं जिनको कोर डायरेक्टर्स मे शामिल किया गया हैं ll आगे भी अन्य डायरेक्टर अभि कई राज्यों से सम्मिलित किये जायेगे इच्छुक साथी फाउंडेशन के कोर सदस्य मे शामिल हो सकते हैं ll
4-इस संस्था का उद्देश्य क्या हैं :- सम्पूर्ण अगरिया जनजाति का उत्थान विकास ही संस्था का मकसद हैं जहाँ सम्पूर्ण भारत के अगरिया जनजाति को संगठित करना सम्पूर्ण अगरिया जनजाति समाज का एक मंच तैयार करना मकसद हैं ll एवं अगरिया जनजाति के अस्तित्व पहचान को जीवित रखना, अगरिया जनजाति की वैज्ञानिक संस्कृति को (लौह अयस्क से लोहे का निर्माण करना, इस जनजाति ने सर्वप्रथम इस दुनिया मे लौह अयस्क को पहचाना एवं लौह पत्थर से लोहा बना कर पूरी दुनिया को लोहा जैसे चमत्कारिक धातु से अवगत कराया )उजागर करना एवं संरक्षित करना, समाज मे शिक्षा के लिए जागरूकता लाना समाज मे शिक्षा के महत्त्व को बताना, शिक्षा के लिए सहयोग करना, समाज मे शिक्षा के क्षेत्र मे बेहतर प्रदर्शन करने पर बच्चों एवं माता पिता को पुरुस्कार के साथ सम्मानित करना, समाज मे नशा मुक्ति अभियान चलाना  , समाज मे नशा पान के लेन देंन को बंद करना,समाज से  रूढ़ीवादी सोच को समाप्त करना, इलाज मे सहयोग करना, समाज मे दशगात्र मे सहयोग प्रदान करना एवं भविष्य मे विवाह सम्मेलन आयोजित करना, समाज मे कलाकरो गायको को पहचान देना, महिला का सम्मान एवं पहचान एवं अगरिया जनजाति के सम्पूर्ण बिन्दुओ जैसे उद्देश्य को लेकर संस्था कार्य कर रहा हैं ll
5-लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन कैसे कार्य करता हैं :- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा फाउंडेशन के उद्देश्य को समस्त भारत अंतर्गत राज्यो जिलों मे संचालित करने के लिए समस्त भारत अंतर्गत समस्त राज्यों के प्रत्येक जिलों मे जिलाध्यक्ष एवं सहायक जिलाध्यक्ष एवं जिला समिति बनाये गए हैं इसके अलावा प्रत्येक जिलों के लिए अन्य जिलों के कार्यकर्त्ताओ को नोडल कार्यकर्त्ता अधिकारी बनाया गया हैं जो संस्था के गतिविधि को जिला मे संचालित करते हैं संस्था द्वारा चलाये जा रहे समस्त मुहीम जो अगरिया जनजाति के उत्थान विकास के लिए हैं जिलाध्यक्ष एवं जिला कार्यकर्त्ता जिलों मे स्वजातीय बंधुओ को अवगत कराते हैं संस्था का उद्देश्य भारत के अंतिम छोर पर खड़ा अगरिया जनजाति समाज का व्यक्ति संगठन से जुडा होll लोगो को ये पता होना जरुरी हैं की फाउंडेशन अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास के लिए कार्य कर रहा हैं सभी को अवगत कराने के लिए राज्यों की जिला समिति लगातर कार्य करते हैं ll एवं फाउंडेशन से सभी को जोड़ने का कार्य करते हैं ll
6-2023की स्थिति मे फाउंडेशन के साथ कौन कौन से राज्य वर्तमान मे जुड़े हुए हैं :- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड ll
7- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का स्थापना कब हुआ एवं कहा किस राज्य / जिले से फाउंडेशन शुरुआत हुई : - 15 नवंबर 2019 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की स्थापना हुई थी मध्यप्रदेश जिला अनूपपुर के कोतमा शहर से ll
8-  लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के संस्थापक कौन हैं :- श्री दशरथ प्रसाद अगरिया मध्यप्रदेश अनूपपुर कोतमा से ll
9- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन अगरिया जनजाति समाज को लेकर स्वजातीय बंधुओ से क्या अपेक्षा रखता हैं :- अगरिया जनजाति जो की एक प्रतिभा शाली जनजाति हैं जिसका अस्तित्व इस दुनिया मे आदिम काल से रहा हैं जिसने सर्वप्रथम इस दुनिया को लोहा की खोज करके दिया लोहा बनाया और लोहा बनाने की पारम्परिक तरीके को जन्म दिया इसके बावजूद भी अगरिया जनजाति का अस्तित्व और पहचान विलुप्त हैं, पहचान नहीं हैं, समाज मे शिक्षा नहीं हैं, नशा मदिरा मे समाज लिप्त हैं, रूढ़ी वादी सोच कूट कूट कर भरा हैं, समाज बिखरा पड़ा हैं, लोग धर्म बदल रहे है ll अगरिया समाज के ही लोग अलग अलग नामो से लोगो को बताकर समाज को बाट रहे हैं ll जिससे इस जनजाति समाज का अस्तित्व खतरे मे हैं ll इसके लिए फाउंडेशन समाज से अपेक्षा रखता हैं की समाज का हर व्यक्ति अपने लिए नहीं इस समाज के लिए सोचे, इस समाज का उत्थान पहचान कैसे होगा इसके लिए सोचे, सभी फाउंडेशन के साथ जुड़कर अगरिया अस्तित्व के लिए खड़े हो समाज को राष्ट्रीय पहचान दिलाये, कार्य ऐसा करें जिससे समाज मे विभेद पैदा ना हो समाज बटे नहीं, बल्कि ऐसा कार्य करें की समाज जुड़े समाज एक हो ll समाज के प्रति जिम्मेदारी को निभाएll समाज से पाना हर इंसान चाहता हैं लेकिन देना नहीं चाहता ll समाज को देना भी होगा हर इंसान को तभी समाज विकास करेगा ll समाज मे समय देना होगा, धन भी देना होगा और जिम्मेदारी से कार्य करना होगा और कार्य भी ऐसा की समाज मे विभेद पैदा ना हो समाज बटे ना ll फाउंडेशन सभी भारत अंतर्गत स्वजातीय बंधुओ माताओ बहनो से अपील करता हैं सभी संस्था से जुड़कर आइये अपने समाज के खोये हुए अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़े और अपनी पहचान को पुनः प्रतिस्थापित करें ll समाज मे आपका कार्य बहुत मायने रखता हैं यदि आप लीडरशिप करते हैं तो इस बात को हमेशा ध्यान रखे की आप अपने लिए नहीं इस समाज के लिए सोचे इस समाज को कैसे इसका पहचान मिलेगा इसको सोचे ना की किसी व्यक्तिगत मतभेद की वजह से ऐसा कार्य करें बाते करें जिससे समाज बल्कि ये जनजाति पिछड़े कमजोर हो ll क्योंकि समाज को संगठित करने समाज मे विचार धारा लाने मे समय लगता हैं और किसी व्यक्तिगत मतभेद से समाज बिखरे ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए ll समाज मे हमेशा एकता को प्रोत्साहन देना चाहिए ll हमसे पहले अगरिया जनजाति हैं इस सोच को प्राथमिकता देना होगा ll क्योंकि आज अगरिया जनजाति को हर एक इंसान के एकता संगठित विकास वाले सोच की जरुरत हैं ll अगरिया जनजाति समाज के समस्त स्वजातीय बंधुओ से फाउंडेशन यही अपेक्षा रखता हैं ll
10- अगरिया जनजाति समाज को अस्तित्व पहचान कैसे मिलेगा फाउंडेशन सफल कैसे होगा: - फाउंडेशन द्वारा लगातार अगरिया जनजाति उत्थान विकास के लिए तथा जनजागरूकता फाउंडेशन से लोगो को जोड़ने के लिए फाउंडेशन के उद्देश्य को सम्पूर्ण भारत अगरिया जन सामुदाय तक पहुंचाने के लिए लगातार मुहीम चलाया जा रहा कई गतिविधियों का आयोजन संगठन अंतर्गत सभी जिलों मे लगातार किया जा रहा हैं हम सबको फाउंडेशन से जुड़कर फाउंडेशन के मार्गदर्शन अनुसार कार्य करना होगा ll जिलों को फाउंडेशन से अलग नहीं रखना हैं, लोगो को फाउंडेशन से जुड़ने से नहीं रोकना हैं एक लीडर मुखिया होने के नाते हमको लोगो को सही जानकारी देना होगा क्योंकि यदि आज हम सब अगरिया जनजाति समाज के मुहीम मे साथ नहीं देंगे तो इस जनजाति समाज को उसका पहचान नहीं मिलेगा  सबकी जरुरत आज इस समाज को हैं अच्छे विचार धारा की जरुरत हैं ll  हर समाज/ संगठन मे लोगो के प्रति मनमुटाव मतभेद होते हैं लेकिन व्यक्तिगत मन मुटाव मतभेद भले ही बीच मे हो पर समाज का विकास ना रुके हमारे मनमुटाव से समाज ना बिखरे समाज ना बटे हर एक जिला राज्य और समाज के बुद्धजीवी को यह ध्यान रखना होगा ll यदि हम लीडर शिप करते हैं तो  भले ही हम किनारे हो जाये लेकिन समाज के लोगो को संगठित होने से अलग नहीं करना हैं क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो लोगो का किया हुआ मेहनत हमारे वजह से बर्बाद होता हैं ll और समाज धीरे धीरे पिछड़ जाता हैं विकास की गतिविधि रुकने लगती हैं ll इसके साथ ही समाज मे कई प्रकार के लोग होते हैं हमको ये ध्यान रखना होगा की किसकी सोच समाज को एक करने की हैं किसकी अलग करने की हैं और मुख्य बात इस जनजाति समाज का उत्थान कहा होगा ll अतः हमको उन्ही का साथ देना होगा जो समाज को संगठित और एक करने की बात करते हो ll यानि की मुख्य बात सभी को संगठित होकर रहना होगा चाहे कोई किसी राज्य या जिले से हो ll और सबसे मुख्य बात ये ध्यान रखना होगा की अपने जाती मे नाम के अंतिम मे सभी अगरिया लिखें जो अगरिया की पहचान को बताता हैं कई लोग गोत्र लिखते हैं जिससे अन्य समाज के लोग या शासन प्रशाशन भ्रमित हो जाते हैं और अगरिया का अस्तित्व छिप जाता हैं ll तभी समाज को अस्तित्व, राष्ट्रीय पहचान मिलेगा और फाउंडेशन सफल होगा ll
11- फाउंडेशन द्वारा अगरिया जनजाति समाज के लिए कितने राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं :- फाउंडेशन द्वारा दो राष्ट्रीय कार्यक्रम किये जाते हैं 👉1-राष्ट्रीय महासम्मेलन 👉2-संगठन स्थापना दिवस (प्रति वर्ष आयोजित किये जाते हैं ll ये दोनों राष्ट्रीय कार्यक्रम कोतमा जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश मे प्रतिवर्ष आयोजित किये जाते हैं क्योंकि संगठन की उत्पत्ति कोतमा जिला अनूपपुर से हुआ हैं इसलिए ll
12- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का नारा क्या हैं :- 1- गर्व से कहो हम अगरिया हैं ll2- समाज का उत्थान एवं विकास ही संगठन का लक्ष्य हैं ll 3- समाज का उत्थान विकास कौन करेगा  करेंगे हम करेंगे ll 4- समाज को संगठित कौन करेगा हम करेंगे हम करेंगे  5- संस्कृति का संरक्षण कौन करेगा हम करेंगे करेंगे  6- जिम्मेदारी कौन लेगा हम लेंगे हम लेंगे ll
13- फाउंडेशन को ऑनलाइन कैसे देखे (ऑनलाइन कहा कहा हैं फाउंडेशन ):- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन पूरी तरह से ऑनलाइन हैं कोई भी घर बैठे संगठन की समस्त  जानकारी घर बैठे देख सकता हैं 1- गूगल पर सीधे लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन /अगरिया समाज संगठन भारत सर्च करके फाउंडेशन के बारे मे देख सकते हैं तथा संगठन  की ऑफिसियल वेबसाइट www.agariyasamajsangathanbharat.xyz पर संगठन की समस्त जानकारी जैसे पूरे सॉल का आय व्यय, संगठन आदेश जो समय समय पर संगठन द्वारा प्रसारित किये जाते हैं इसके अलावा कई जानकारी आप  इस वेबसाइट के माध्यम से गूगल पर देख सकते हैंll 2- गूगल मैप पर लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन सर्च कर सकते हैं जहाँ आप मैप के माध्यम से फाउंडेशन के ऑफिस तक आसानी से पहुंच सकते हैं ll 3- फेसबुक पर अगरिया समाज संगठन भारत को फॉलो कर के संगठन की गतिविधि को देख सकते हैं लिंक से 👉https://www.facebook.com/agariyasamajsangathanbharat?mibextid=ZbWKw
4- संगठन अंतर्गत हुए कार्यो की न्यूज़ पढ़ने के लिए संगठन की अलग वेबसाइट 👉www.agariyajanjati.in गूगल पर सर्च करके पढ़ सकते हैं ll 5- फाउंडेशन की सबसे मुख्य सोसल साइट यू ट्यूब चैनल यू ट्यूब पर अगरिया समाज संगठन के नाम पर हैं यू ट्यूब पर सर्च करें agariya samaj sangathan bharat और चैनल को सब्सक्राइब कर के जुड़े और कई गतिविधि को यू ट्यूब पर देखे ll
14- संगठन की अन्य मीटिंग कब कब होती हैं:- संगठन की मीटिंग प्रत्येक शनिवार को ऑनलाइन होती समय 8:50 मिनट शाम से पूरे भारत के अगरिया समाज के स्वजातीय बंधु जुड़कर समाज के उत्थान विकास मे निर्णय लेते हैं ll आप भी  घर बैठे शनिवार को जुड़े ll इसके अलावा फाउंडेशन की ओर से जिलों मे ऑफलाइन मीटिंग भी आयोजित किये जाते हैं ll
15- फाउंडेशन की ओर से क्या व्हाट्सप्प और टेलीग्राम पर ग्रुप बने हैं और क्या मै जुड़ सकता हु :- बिलकुल फाउंडेशन का राष्ट्रीय ग्रुप भी बना हैं और प्रत्येक जिलों के लिए जिला ग्रुप भी अलग से बना हैं आप फाउंडेशन के राष्ट्रीय ग्रुप से भी जुड़ सकते हैं और जिला ग्रुप से जुड़ सकते लेकिन शर्त ये हैं की फाउंडेशन से जुडा व्यक्ति किसी अन्य संगठन या ग्रुप का प्रचार प्रसार ना करता हो केवल लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की विचाधारा मे चलता हो ll आप भी फाउंडेशन के व्हाट्सप्प चैनल ग्रुप से जुड़ सकते हैं  लिंक के माध्यम से 👉व्हाट्सप्प चैनल ग्रुप से जुड़े टच करके -https://whatsapp.com/channel/0029Va4YAJd89inhmZyFQP0N इसके अलावा फाउंडेशन के टेलीग्राम चैनल ग्रुप से भी जुड़ सकते हैं लिंक से 👉https://t.me/agariyasamajsangathanbharat
16- क्या मै लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के राष्ट्रीय कोर मेंबर मे शामिल हो सकता हु :- बिलकुल शामिल हो सकते हैं लेकिन शर्त वही हैं प्रत्येक शनिवार की ऑनलाइन मीटिंग मे जुड़ना तथा फाउंडेशन के समस्त गतिविधि को अच्छे से सकारात्मक भाव से फॉलो करना होगा इसके अलावा अन्य संगठन या ग्रुप से ना जुड़े हो तथा अन्य संगठन का प्रचार प्रसार ना करते हो ll इसके अलावा राष्ट्रीय कोर सदस्य शुल्क जो की 1 सॉल के लिए 3000/- हैं संगठन को भुगतान करना होगा ll
17- मै अपने जिले /राज्य की समिति बनाना चाहता हु फाउंडेशन की ओर से कैसे बनाऊ :- जिलों मे फाउंडेशन की ओर से जिला समिति बनाने के लिए कम से कम 7 सदस्य और अधिक से अधिक 21 लोग हो सकते हैं जिसमे से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष,सचिव, कोषाध्यक्ष, सह सचिव,और दो सदस्य होंगे इसके अलावा और भी सदस्य बनाये जा सकते हैं ll इसके बाद फाउंडेशन की ओर से निर्धारित फॉर्मेट मे फार्म उपलब्ध हैं जिसको सभी को भरना होगा जिसमे प्रस्तावक,समर्थक आवेदक सभी के हस्ताक्षर होंगे और सभी के आधार, वोटर id, जाती प्रमाण पत्र,पैन नंबर लगाना होगा इसके  बाद राज्य /जिले की सदस्य्ता पर व्यक्ति शुल्क -1500एवं 750/- हैं जो फाउंडेशन मे रसीद के माध्यम से जमा करना होगा ll जिसकी पूरी फ़ाइल संगठन मैनेजिंग डायरेक्टर को भेजा जायेगा इसके बाद फाउंडेशन की ओर से उस जिला समिति को जिला समिति रेजिस्ट्रेशन आदेश जारी किये जायेगे ll और जिला की समिति संगठन के पंजीयन क्रमांक का उपयोग करते हुए लेटर पैड उपयोग कर पाएंगे ll
18- क्या लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन को डोनेशन (दान )करने पर इनकम टैक्स मे छूट मिलेगा :- हां  बिलकुल मिलता हैं यदि आप फाउंडेशन को दान या डोनेशन देते हैं तो आपको भारत सरकार के 12a एवं 80g के तहत इनकम टैक्स मे छूट मिलता हैं ll
19- क्या लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का खाता खुला हैं :- हां फाउंडेशन का खाता फाउंडेशन के नाम से खुला हैं ll जिसका खाता क्रमांक - 41847604562 बैंक - भारतीय स्टेट बैंक, शाखा -कोतमा, आईएफएससी कोड - sbin0002869हैं ll
20- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का कार्यालय का पता /ईमेल /मोबाइल नंबर क्या हैं :- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का कार्यालय का पता -अमोली अगरिया ग्राम -सोही बेलहा पोस्ट - भाद, तहसील -कोतमा, जिला -अनूपपुर मध्यप्रदेश 484447 हैं ll आप पत्र भी लिख सकते हैं फाउंडेशन को ll संस्था का ईमेल id- - dashrathagariya@gmail.com आप फाउंडेशन को मेल भी कर सकते हैं ll
21- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का आय व्यय कब जारी होता हैं :- फाउंडेशन का आय व्यय अभि तक प्रत्येक सॉल के जनवरी मे होता था लेकिन इस वर्ष से मार्च मे होगा ll पूरे आय व्यय विवरण आप हमारे ऑफिसियल वेबसाइट पर देख सकेंगे ll
22- फाउंडेशन की ओर से क्या क्या सहयोग किये जाते है जो फाउंडेशन से जुड़े है :- शिक्षा सहयोग, दशगात्र सहयोग, इलाज सहयोग इत्यादि 
23- अगरिया जनजाति मे गोत्र कितने हैं :- अगरिया जनजाति मे वैसे 89 गोत्र पाए जाते हैं ll पूरे गोत्र पढ़ने के लिए गूगल मे सर्च करें अगरिया गोत्र और पढ़े ll
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लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन समाज के हर स्वजातीय बंधुओ को  समाज सेवा के लिए सामान अवसर प्रदान करता हैं सभी सम्पूर्ण प्राथमिकता देता हैं बशर्ते फाउंडेशन की हर गतिविधि को गहराई से जिम्मेदारी से निष्ठा पूर्वक निर्वाहन करना होता हैं जहाँ समय समय पर अपनी सदस्यता शुल्क, प्रतिमाह अंश दान, प्रत्येक सप्ताह की साप्ताहिक ऑनलाइन मीटिंग मे भागीदारी सुनिश्चित करना होगा ll
उम्मीद हैं सभी को फाउंडेशन की पूरी जानकारी मिल गयी होंगी यदि और कोई जानकारी चाहिए तो आप हमें हमारे मेल id पर मेल कर सकते हैं ll






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