अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।
सीधी जिला कार्यकर्त्ता के दशगात्र मे अगरिया समाज संगठन के कार्यकर्त्ताओ की भीड़ उमड़ी ll दशगात्र सहयोग राशि परिवार को फाउंडेशन द्वारा दिया गयाll
मध्यप्रदेश सीधी जिला ग्राम सोनगढ़ के प्रमुख कार्यकर्त्ता स्व. बीरबल अगरिया जी का बीते दिनों लम्बी बिमारी के कारण आकस्मिक निधन हुआ था ll जिनका दशगात्र कार्यक्रम दिनांक 29/11/2023 को उनके निज निवास स्थान ग्राम सोनगढ़ जिला सीधी मध्यप्रदेश मे रहा हैं ll दशगात्र कार्यक्रम मे सम्पूर्ण लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन अंतर्गत कई कार्यकर्ता एवं सीधी सिंगरौली जिला के कार्यकर्त्ताओ की भीड़ उमड़ पड़ी दशगात्र कार्यक्रम के रूप मे अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या मे सामाज के स्वजातीय बंधु उपस्थित हुए ll दशगात्र कार्यक्रम मे सिंगरौली जिला के जिलाध्यक्ष श्री राजकुमार अगरिया जी एवं उनकी पूरी समिति राजपाल अगरिया, अमरशाह अगरिया,बृजलाल अगरिया महिपाल अगरिया, पन्नेलाल अगरिया सहित कई कार्यकर्त्ता एवं सामाजिक स्वजातीय बंधु उपस्थित हुए ll स्व. बीरबल अगरिया जी जिनका दशगात्र कार्यक्रम रहा हैं लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के ओर से सीधी जिला के एक प्रमुख कार्यकर्त्ता के रूप मे जाने जाते रहे हैं, संगठन की हर गतिविधि को जिले मे सुचारु रूप मे संचालित करवाने एवं संगठन के साथ हर परिस्थिति मे खड़े रहना उन