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जनवरी, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

डिंडासरई कोरबा मे पहुचे समाज को जागरूक करने फाउंडेशन के डायरेक्टर अपने टीम सहित ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन

कल दिनांक 29/01/2024 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के डायरेक्टर श्री

मनेन्द्रगढ़, कोरबा, कबीरधाम छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता अगरिया जनजाति संरक्षण को लेकर ज्ञापन सौपे ll

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन अगरिया जनजाति के उत्थान विकास के लिए सतत कार्यरत हैं जो अगरिया जनजाति के संरक्षण, संस्कृति का संरक्षण,समाज को नशा मुक्त बनाने,एवं समाज मे शिक्षा को प्रोत्साहित करने जैसे अनेक उद्देश्य को लेकर सम्पूर्ण भारत अंतर्गत कई राज्यों मे सतत कार्यसील हैं ll जहाँ कई राज्यों मे जिलों जिलों मे जिला समिति का निर्माण किया गया हैं ll प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान मे छत्तीसगढ़ अंतर्गत कई जिलों से जिला कार्यकर्त्ताओ के माध्यम से फाउंडेशन मे ये मुद्दा उठाया गया था की छत्तीसगढ़ मे कुछ लोहार समुदाय जो पिछड़ा वर्ग अंतर्गत आते हैं अगरिया जनजाति की संस्कृति पत्थर से लोहा गलाने एवं अगरिया जनजाति के गोत्र को लोहार से जोड़ते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से लोहार को अगरिया बनाये जाने की मांग कर रहे थे ll उक्त के सम्बन्ध मे छत्तीसगढ़ के कई जिलों मे निवासरत अगरिया जनजाति के लोग एवं छत्तीसगढ़ से फाउंडेशन के कार्यकर्त्ताओ द्वारा बताया गया की छत्तीसगढ़ मे अगरिया जनजाति के लोग कई जिलों मे निवास करते हैं और उनकी ऐसी कोई मांग नहीं हैं की लोहार को अगरिया बनाया जाए ll और ना ही किसी प्रकार

जिला शक्ति छ.ग (देवरी) पहुचे अगरिया समाज लौ. प्र.फाउंडेशन के डायरेक्टर रामखिलावन अगरिया और उनकी टीम ll सामाजिक सम्पर्क कार्यक्रम किये ll

  नये वर्ष 2024 की नये उमंग के साथ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के कार्यकर्ताओ मे अलग ही उमंग जोश देखने को मिल रहा हैं पूरे रणनीति योजनाबद्ध तरीके से समाज को जागरूक करना एवं फाउंडेशन मे निष्क्रिय पड़े जिले जो पूर्व से फाउंडेशन के हिस्सा रहे हैं उनको पुनः जागरूक कर रहे हैं कार्यकर्त्ता ll जी हां आपको बता दे दिनांक 07/01/2024 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के डायरेक्टर श्री रामखिलावन अगरिया जी एवं कोरबा जिला के भावी अध्यक्ष दुबराज अगरिया जी, राकेश अगरिया एवं उनकी पूरी टीम जिला शक्ति छ.ग के देवरी ग्राम मे पहुचे वहां लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के चलाये जा रहे मुहीम से कार्यकर्ताओ को अवगत कराते हुए फाउंडेशन मे एक्टिव (सक्रिय) होकर भागीदारी सुनिश्चित करने को कहाँ गया ll जिला शक्ति छत्तीसगढ़ से फाउंडेशन की प्रतिनिधित्व कर रही श्री मति सुनीता अगरिया जी को फाउंडेशन के द्वारा चलाये जा रहे गतिविधियों पे चर्चा करते हुए भागीदारी निभाने को कहा गया ll फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे अगरिया जनजाति संरक्षण पर जानकारी दिए और जिला के टीम के साथ जिला कले

100 किलोमीटर दूर जाकर लोगो को जागरूक कर रहे हैं अगरिया समाज भारत फाउंडेशन के कार्यकर्त्ता ll

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन जिसका उद्देश्य अगरिया जनजाति समाज का सम्पूर्ण उत्थान एवं विकास हैं अगरिया समाज का संरक्षण संस्कृति का संरक्षण, सम्पूर्ण भारत मे संगठित समाज,समाज मे शिक्षा सहयोग, नशा मुक्ति अभियान, दशगात्र सहयोग करना हैं जैसे कई मुद्दों पर लगातार काम कर रहा हैं ll जिसका पूरा श्रेय अगरिया समाज के जाबाज समाज के प्रति समर्पित कार्यकर्त्ताओ को जाता हैं ll फाउंडेशन द्वारा आगामी आने वाले समय मे सम्पूर्ण भारत स्तर पर "अगरिया जनजाति संवाद कार्यक्रम" का आयोजन होने वाला हैं जिसका उद्देश्य अगरिया जनजाति मे विभेद को समाप्त करना एवं समाज के विकास उत्थान के प्रति फाउंडेशन से जुड़कर लोगो मे रुझान लाना हैं ll जिसके प्रचार प्रसार मे जिला कोरबा छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता अपने घर से 100 किलोमीटर दूर जाकर मीटिंग एवं बैठक के माध्यम से लोगो को कार्यक्रम के बारे मे एवं कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे मे जानकारी दे रहे हैं ll इसके साथ ही फाउंडेशन द्वारा समाज के उत्थान विकास के लिए चलाये जा रहे मुहीम से लोगो को परिचित करा रहे हैं एवं फाउंडेशन से सभी को जुड़ने एवं समाज के उत्थान मे भागीद