अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।
लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन अगरिया जनजाति के उत्थान विकास के लिए सतत कार्यरत हैं जो अगरिया जनजाति के संरक्षण, संस्कृति का संरक्षण,समाज को नशा मुक्त बनाने,एवं समाज मे शिक्षा को प्रोत्साहित करने जैसे अनेक उद्देश्य को लेकर सम्पूर्ण भारत अंतर्गत कई राज्यों मे सतत कार्यसील हैं ll जहाँ कई राज्यों मे जिलों जिलों मे जिला समिति का निर्माण किया गया हैं ll प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान मे छत्तीसगढ़ अंतर्गत कई जिलों से जिला कार्यकर्त्ताओ के माध्यम से फाउंडेशन मे ये मुद्दा उठाया गया था की छत्तीसगढ़ मे कुछ लोहार समुदाय जो पिछड़ा वर्ग अंतर्गत आते हैं अगरिया जनजाति की संस्कृति पत्थर से लोहा गलाने एवं अगरिया जनजाति के गोत्र को लोहार से जोड़ते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से लोहार को अगरिया बनाये जाने की मांग कर रहे थे ll उक्त के सम्बन्ध मे छत्तीसगढ़ के कई जिलों मे निवासरत अगरिया जनजाति के लोग एवं छत्तीसगढ़ से फाउंडेशन के कार्यकर्त्ताओ द्वारा बताया गया की छत्तीसगढ़ मे अगरिया जनजाति के लोग कई जिलों मे निवास करते हैं और उनकी ऐसी कोई मांग नहीं हैं की लोहार को अगरिया बनाया जाए ll और ना ही किसी प्रकार का कोई रिस्तेदारी सम्बन्ध हैं llलेकिन छत्तीसगढ़ से कुछ ही जिलों से कुछ ही लोग जो लगातार लोहार को अगरिया जनजाति मे शामिल किये जाने की मांग कर रहे हैं ll जो अगरिया जनजाति के लिए न्यायोचित नहीं हैं ll अगरिया जनजाति समाज के लोगो एवं कार्यकर्ताओ का कहना हैं की यदि लोहार को अगरिया बना दिया जाएगा तो छत्तीसगढ़ मे लोहार कौन हैं ll छत्तीसगढ़ से अगरिया जनजाति के लोगो का ये भी कहना हैं की अगरिया जनजाति की संस्कृति एवं गोत्र को दिखाते हुए लोहार समुदाय जबरन अपने आपको अगरिया जनजाति मे शामिल करने की मांग कर रहे हैं ll जिससे छत्तीसगढ़ से अगरिया समाज के कार्यकर्ताओ ने फाउंडेशन की ओर अगरिया जनजाति के संरक्षण को ध्यान मे रखते हुए छ.ग शाशन माननीय मुख्य मंत्री, अनुसूचित जनजाति आयोग, एवं मुख्य सचिव के नाम अपने जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौपे ज्ञापन सौपने वाले जिलों मे कोरबा से रामखिलावन अगरिया, मनराखन अगरिया जी एवं कई कार्यकर्त्ता तथा मनेन्द्रगढ़ से अर्जुन अगरिया, रुपेश अगरिया, सुखित अगरिया सहित कई कार्यकर्ता एवं कबीरधाम सेअन्नू अगरिया,जीवन अगरिया,जयराम अगरिया, हेमन्त अगरिया, रामकुमार अगरिया लोग जाकर ज्ञापन दिए ll
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agariya samaj ki jankari ke liye ye blog taiyar kiya gaya hai agariya samaj sangathan poore bharat ke agariya samaj ko sangathit karna chahta hai