मामला सूरजपुर (छ. ग)एवं अनूपपुर म.प्र -समझाईस देकर ससुराल भेजा गया ll लड़का- लड़की और परिवार के दोनों पक्षो मे समझौता करवाते हुए सुलह कराया गया ll इकरार नामा हुआ दोनों पक्षो मे ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ll सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

मामला सूरजपुर (छ. ग)एवं अनूपपुर म.प्र -समझाईस देकर ससुराल भेजा गया ll लड़का- लड़की और परिवार के दोनों पक्षो मे समझौता करवाते हुए सुलह कराया गया ll इकरार नामा हुआ दोनों पक्षो मे ll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ll

कोतमा  लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन = :-ग्राम - उचेहरा टोला (पिपरहा) रेउंदा अंतर्गत जिला अनूपपुर म.प्र मे सोनसाय अगरिया की सुपुत्री श्री मति पप्पी देवी अगरिया का व्याह जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ के ग्राम रजबहर मे मोहन अगरिया पिता राजमन अगरिया से हुआ था ll बीते कई साल पहले इनका विवाह सम्पन्न हुआ था ll  दोनों का एक पुत्र भी रहा हैं जो लगभग 5 सॉल का हैं ll लेकिन पारिवारिक विवाद एवं पति पत्नी मे आपसी कलह के वजह से लड़की कई सालो से अपने मायके मे ग्राम उचेहरा टोला जिला अनूपपुर मे रह रही थी ll विवादों के वजह से न्यायालीन प्रकरण भी इनका चल रहा था ll लड़की का आरोप था की  मेरी सास और मेरा देवर अर्जुन अगरिया और मेरा पति मेरे से विवाद करते हुए मार पीट किये थे तथा मेरा तबियत ख़राब होने पर कोई मुझे दवा इलाज नहीं कराते थे ना ही मेरे साथ रहते थे मुझे अलग किये हुए थे मुझे खाने पीने के लिए भी मौताज़ किये थे ll इसी प्रकार दूसरी तरफ लड़का का आरोप था की मेरी पत्नी बिना बताए अपने मायके आ जाती थी ll लेकिन बीते कुछ दिनों पूर्व लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन को इस बात का पता चला ll और फाउंडेशन ने इसकी पहल किया ll
लौह प्रगलक अगरिया समाज फाउंडेशन क्या हैं  - लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन सम्पूर्ण भारत के अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास के लिए निर्मित सामाजिक संस्था हैं जो समाज को संगठित करने तथा समाज को संरक्षित करने, संस्कृति को संरक्षित करने, समाज मे शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए फाउंडेशन द्वारा शिक्षा के लिए सहयोग करना जैसे फीस, कॉपी, पुस्तक इत्यादि एवं नशा मुक्त समाज समाज तथा समाज से रूढ़िवादी सोच मे समाप्त करने जैसे उद्देश्य को लेकर सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज को संगठित कर रहा हैं था सम्पूर्ण भारत अंतर्गत सभी राज्यों एवं जिलों मे जिला समिति का निर्माण फाउंडेशन की ओर से किया गया हैं ll जहाँ समाज का सम्पूर्ण उत्थान विकास संस्था का लक्ष्य हैं ll समाज को संस्कारी अच्छे विचार युक्त समाज बनाना संस्था का लक्ष्य हैं ll
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क्या समझाईस दी गयी गयी कौन कौन उपस्थित
रहे - :👉लड़की अपने मायके मे कई वर्षो से रहती थी तथा लड़का भी कई वर्षो से अपने घर पर था ll जिनका न्यायालीन प्रकरण चल रहा था ll लेकिन लड़का पक्ष से लड़की का देवर अर्जुन अगरिया, एवं स्वयं लड़का मोहन अगरिया सूरजपुर छ ग द्वारा इसकी जानकारी फाउंडेशन को कुछ माह पूर्व दिए और अपील किया गया की इस मामले का निपटारा किया जाए ll उक्त मामले को संज्ञान मे लेते हुए आज दिनांक 25/02/2024 दिन रविवार को लड़का पक्ष एवं लड़की पक्ष दोनों को लड़की के मायके ग्राम उचेहरा टोला जिला अनूपपुर मे समझौता के लिए बुलाया गया था ll  दोनों पक्षो के बातो को सुनने के पश्चात दोनों पति - पत्नी को समझाईस दिया गया की अपने 5 सॉल के बच्चे के भविष्य को लेकर दोनों मिलकर अच्छे से अपना जीवन यापन करें ll किसी भी प्रकार कोई भी वाद विवाद आपस मे ना रहे अच्छे से जीवन यापन करते हुए अपने जीवन को खुशहाल एवं सुखमय बनाये ll इसके साथ ही फाउंडेशन के ओर से दोनों पक्षो का इकरार नामा उपस्थित स्वजातीय बंधुओ के बीच मे फाउंडेशन के लेटर पैड मे तैयार किया गया और दोनों पक्षो को इकरार कराया गया की लड़की आज ससुराल जायेगी और उसके साथ किसी भी प्रकार का कोई भी अभद्र व्यवहार लड़ाई झगड़ा /वाद विवाद / गाली गलौज कोई भी लड़की के ससुराल पक्ष  का नहीं करेगा बहु को बेटी का दर्जा देते हुए परिवार मे स्थान देंगे ll तथा भविष्य मे यदि किसी भी प्रकार का कोई वाद विवाद नहीं होगा आपस मे एवं वाद विवाद संबधित कोई भी बाद समाज / फाउंडेशन या शासन प्रसाशन तक नहीं आना चाहिए दोनों पक्षो का ll यदि ऐसा कोई मामला आपसी वाद का आता हैं तो दोनों पक्ष से सामाजिक अर्थ दंड के रूप मे पचास - पचास हजार का जुर्माना लिया जाएगा एवं समाज से बहिष्कार किया जाएगा समाज मे स्थान नहीं दिया जाएगा ll जिसको पढ़कर सुनाया गया दोनों पति पत्नी ने पढ़कर समझा एवं स्वीकार किये एवं बिना किसी दबाव के पति - पत्नी  एवं लड़का पक्ष से पिता, लड़का का भैया अर्जुन अगरिया सूरजपुर छत्तीसगढ़ एवं आये स्वजातीय बंधु एवं लड़की पक्ष से पिता माता एवं स्वजातीय बंधुओ ने इकरार नामा पर हस्ताक्षर किये ll और लड़की ससुराल के लिए रवाना हुई अपने 5 सॉल के बच्चे के साथ ll
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फाउंडेशन से  किस किस राज्य से कौन कौन पदाधिकारी समझौता मे उपस्थित रहे -:👉 राष्ट्रीय फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया, सुकुल नागवंशी छत्तीसगढ़ राज्य अध्यक्ष,सुखित लाल अगरिया मनेन्द्रगढ़ छत्तीसगढ़, अर्जुन अगरिया मनेन्द्रगढ़ छत्तीसगढ़, रामेश्वर अगरिया पिपरहा अनूपपुर मध्यप्रदेश, शिवराम अगरिया पिपरहा अनूपपुर मध्यप्रदेश, मायाराम अगरिया अनूपपुर जिलाध्यक्ष मध्यप्रदेश सहित कई पुरुष एवं महिलाये उपस्थित रहे ll

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