agariya janjati सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

जिला इकाई सूरजपुर और कोरबा छ.ग मे हुआ अगरिया समाज जोड़ो अभियान ll एजेंडा वाचन शपथ ग्रहणll लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के मार्गदर्शन मे सम्पूर्ण भारत अंतर्गत फाउंडेशन से जुड़े जिलों मे अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास हेतु अगरिया समाज जोड़ो अभियान अंतर्गत अगरिया समाज जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं तथा संगठन से जुड़कर समाज के उत्थान विकास मे भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया जाता हैं ll उक्त कार्यक्रम मे संगठन द्वारा समाज के लिए चलाये जा रहे मुहीम जो की एजेंडा के रूप मे उल्लेखित हैं जिला के स्वजातीय बंधुओ को अवगत कराया जाता हैं और ये एजेंडा का वाचन फाउंडेशन द्वारा अन्य जिलों से नियुक्त नोडल द्वारा किया जाता हैं जो निर्धारित मीटिंग के दिन जिला मे उपस्थित होकर एजेंडा का वाचन करते हैं एवं कार्यक्रम के अंत मे शपथ ग्रहण कराया जाता हैंll  जिला सूरजपुर एवं कोरबा छ.ग मे संपन्न हुआ अगरिया समाज जोड़ो अभियान तथा एजेंडा वाचन एवं शपथ ग्रहण हुआ :- दिनांक - 28/03/2024 को उपरोक्त दोनों जिलों मे सूरजपुर एवं कोरबा मे अगरिया जोड़ो अभियान कार्यक्रम उत्थान विकास हेतु आयोजन हुआ जहाँ फाउंडेशन द्वारा नियुक्त नोडल महोदय द्वारा जिले मे जाकर फ

अगरिया जनजाति समाज जनजागरूकता कार्यक्रम संपन्न जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश मे - फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर पहुचे सिंगरौली एवं समाज के उत्थान विकास मे सम्बोधित किये ll

अगरिया जनजाति एवं अन्य जनजाति सामुदाय मे जन्म, मृत्यु एवं विवाह के अवसर पर लोहे का क्या महत्त्व हैं ll

आदिवासी की पहचान वास्तव मे बात करें तो उनकी संस्कृति रहन सहन खान पान एवं सम्बन्ध रिस्तेदारी से एवं गोत्र के आधार पर पहचाना जाता हैं ll वास्तव मे अगरिया जनजाति एवं अन्य जनजाति समाज मे लोहे का कितना महत्व हैं जन्म मृत्यु एवं विवाह अवसर पर आइये जानते हैं