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अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

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दिनांक 14/04/2024 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन अंतर्गत जिला इकाई रायगढ़ छत्तीसगढ़ मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान अंतर्गत एजेंडा वाचन शपथ ग्रहण कार्यक्रम अगरिया जनजाति समाज जनजागरूकता कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ ll आपको बता दे मार्च और अप्रैल माह मे प्रतिवर्ष अगरिया जोड़ो अभियान का आयोजन लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की निगरानी मे सम्पूर्ण भारत अंतर्गत फाउंडेशन से जुड़े जिलों मे आयोजित किया जाता है जिलों के लिए उक्त कार्यक्रम हेतु फाउंडेशन की ओर से नोडल कार्यकर्त्ता अधिकारी की नियुक्ति किया जाता है जिसकी लिस्ट पूर्व मे ही जारी कर दिया जाता है ll जिनके सफल नेतृत्व मे कार्यक्रम का आयोजन होता है ll नोडल महोदय जिला मे उपस्थित होकर फाउंडेशन द्वारा प्रदान एजेंडा का वाचन बिंदुवार करते है एवं एवं कार्यक्रम के अंत मे शपथ ग्रहण भी करवाते है ll 
उक्त के परिपालन मे रायगढ़ छत्तीसगढ़ मे दिनांक 14/04/2024 को कार्यक्रम का आयोजन हुआ आयोजन कर्ता श्री उबरन अगरिया रायगढ़ जिलाध्यक्ष एवं जीवन अगरिया एवं करमसिंह अगरिया तथा सम्पूर्ण जिला रायगढ़ समिति रही है ll जिला के लिए नियुक्त नोडल श्री रामखिलावन अगरिया जी (डायरेक्टर)एवं पोराशाय अगरिया जी कोरबा रहे है जिनकी उपस्थिति मे कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जैसा की अगरिया अगरिया जोड़ो अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज को संगठित करना जिला जिला मे, एवं फाउंडेशन द्वारा समाज के उत्थान विकास मे चलाये जा रहे मुहीम से अवगत कराना है इसके साथ अगरिया जनजाति की वैज्ञानिक संस्कृति का संरक्षण, संस्कृति का संरक्षण, समाज से नशापान के लेनदेन को समाप्त करना, रूढ़िवादी प्रथा को समाप्त करना, समाज मे शिक्षा को प्रोत्साहित करना, शिक्षा के लिए बच्चों को सहयोग प्रदान करना, शिक्षा के क्षेत्र मे बेहतरीन प्रदर्शन करने पर बच्चों एवं माता पिता को पुरुस्कार के साथ सम्मानित करना है ll नियुक्त नोडल श्री रामखिलावन अगरिया जी द्वारा समस्त मुहीम की जानकारी बिंदुवार उपस्थित समस्त जिला रायगढ़ वासियो को प्रदान किये ll एवं समाज के उत्थान विकास मे फाउंडेशन के साथ जुड़कर कार्य करने का आह्वान किये ll उन्होंने कहा आज अगरिया जनजाति के विलुप्त होते अस्तित्व एवं संस्कृति का संरक्षण हम सभी का दायित्व है जिसके लिए हम सभी को आगे आना होगा और अपने हिस्से की सामाजिक जिम्मेदारी को निभाना होगा तभी हमारा समाज सशक्त और एक बेहतर समाज बन पायेगा ll उन्होंने ये भी कहा की आज हर समाज अपने आप मे बेहतर और सशक्त समाज है लेकिन अगरिया जनजाति समाज का स्तर आज के इस आधुनिक युग मे भी पिछड़ा है चाहे वो शिक्षा हो, या सामाजिक रहन सहन या व्यवसाय हर क्षेत्र मे समाज पिछड़ा है जिसके तरफ किसी का ध्यान नहीं है समाज को इन सारे क्षेत्र मे मजबूत और सशक्त बनाने के लिए आज लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का निर्माण हुआ है जिसमे जुड़कर हम सभी को अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाना पड़ेगा तभी समाज सशक्त और बेहतर मजबूत होगा ll अगरिया जनजाति समाज के वैज्ञानिक इतिहास से आज समाज मे बच्चे अनभिज्ञ है समाज के बच्चों को अपना इतिहास पता नहीं है जिससे आज बच्चे समाज से दूर जा रहे है लगता है ये कौन समाज है जिसकी कोई पहचान नहीं है जिसके लिए हम सभी को बच्चों को घर मे समाज के वैज्ञानिक इतिहास मे बताना चाहिए की अगरिया जनजाति ही वह वैज्ञानिक समाज है जिसने सबसे पहले इस देश दुनिया समाज को लोहा बना कर दिया लौह अयस्क की पहचान किया और अपने पारम्परिक कोठी भट्ठी के माध्यम से पत्थर से लोहा बनाया जिसके बिना आज इस देश दुनिया समाज के भौतिक विकास की कल्पना नहीं किया जा सकता ll आज ऐसे वैज्ञानिक समाज की संस्कृति विलोपित हो रही है, समाज का नाम अस्तित्व खत्म होता जा रहा है, लोग धर्म परिवर्तन कर रहे है, लोगो को अपने समाज के इतिहास की जानकारी नहीं है ll इसलिए हम सभी को अपने समाज मे सुधार लाना होगा कुछ कड़े फैसले भी लेने होने जिससे समाज मे संरक्षण के साथ साथ शिक्षा और संस्कार भी आये और हमारा समाज मजबूत हो सके ll जैसे -
- समाज से नशा पान के लेन देंन  को पूर्णतः बंद करना ll
- समाज के मामलो का निपटारा सादे दाल चावल से करना ll
- समाज मे बच्चों को पढ़ने के लिए मदद के  लिए महीने की कमाई का छोटा सा अंश दान संगठन को देना जिससे बच्चों को पढ़ाई मे मदद किया जा सकेगा ll
- समाज मे यदि कोई व्यक्ति नशा पान करके बैठता है तो उसे दंडित करना क्योंकि ऐसे कृत्य से समाज ख़राब हो रहा है बच्चों मे नशा पान एवं समाज मे नशा पान लेन देन का प्रचलन बढ़ रहा है ll
- सामजिक संगोष्ठी कार्यक्रम मे बच्चों को शिक्षित करने पर चर्चा किया जाना ll
- समाज मे धर्म परिवर्तन करने वालो को समाज से बहिष्कार करना एवं समाज के बालक बालिका की शादी व्याह धर्म परिवर्तन किये  लोगो  से ना करना ll
- सामाजिक संगोष्ठी मे जनजाति समाज के इतिहास संस्कृति की जानकारी देना ll 
उक्त सम्पूर्ण तथ्यों को बिंदुवार विश्लेषण करते हुए उपस्थित रायगढ़ वासियो को जानकारी दिया गया ll और कार्यक्रम के अंत मे सामाजिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम कराया गया ll कार्यक्रम मे दुबराज अगरिया कोरबा अध्यक्ष, उमेंद अगरिया, मनराखन अगरिया सहित कई स्वजातीय बंधु कोरबा से रायगढ़ मे सम्मिलित हुय्र कार्यक्रम मे ll एवं रायगढ़ से 100 -200 की संख्या मे माताए बहने कार्यक्रम मे सम्मिलित हुए ll
फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया ने सभी का आभार प्रकट किये -: मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया जी ने कहा आज इस समाज के पुनरनिर्माण की पहल जारी है ये एक ऐतिहासिक कार्य है इस विलुप्त होते समाज की संस्कृति रीती रीवाज रहन सहन का संरक्षण मे योगदान  एक अहम योगदान है जिसमे सभी का विचार बहुत आवश्यक है आयोजक कार्यक्रम रायगढ़ टीम एवं नियुक्त नोडल का बहुत बहुत आभार आपने अपना अमूल्य समय एवं धन देकर कार्यक्रम का सफल आयोजन कराये जिसके लिए सम्पूर्ण अगरिया जनजाति समाज आपका आभारी रहेगा ll आइये मिलकर समाज के उत्थान विकास मे भागीदारी निभाए एक कदम समाज की ओर बढ़ाये ll
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