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अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

अगरिया जनजाति उत्थान विकास कार्यक्रम जिला इकाई रायगढ़ मे सम्पन्न ll कार्यक्रम मे फाउंडेशन के कोर कार्यकर्त्ता एवं अन्य जिलों के जिलाध्यक्ष पहुचे (लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन)

दिनांक 19/05/2024 को लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे जिला इकाई रायगढ़ छत्तीसगढ़ ग्राम चिरईपानी मे अगरिया जनजाति उत्थान विकास कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll जहाँ फाउंडेशन के कोर सदस्य एवं अन्य जिलों के जिलाध्यक्ष भी कार्यक्रम मे पंहुचे ll कार्यक्रम का उद्देश्य अगरिया जनजाति को संगठित करना एवं लौह प्रगलक अगरिया भारत फाउंडेशन की ओर से चलाये जा रहे समस्त मुहीम से अगरिया जन समुदाय को अवगत कराना रहा है लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की ओर से आज अगरिया जनजाति समाज के उत्थान एवं विकास के लिए सम्पूर्ण भारत मे मुहीम चलाई जा रही है एवं अगरिया जनजाति समाज को एक मंच मे संगठित करने का मुहीम जारी है ll फाउंडेशन अगरिया जनजाति समाज के संरक्षण एवं अगरिया जनजाति समाज की वैज्ञानिक संस्कृति को लेकर काफी सकारात्मक है ll क्योंकि आज अगरिया जनजाति एक ऐसी जनजाति है जिसका नाम पहचान एवं इसकी वैज्ञानिक संस्कृति विलुप्त के कगार पर रहा है ll लोग अगरिया जनजाति के कार्यो को देखकर लोहार नाम से सम्बोधित करते थे जबकि अगरिया जनजाति और लोहार दोनों अलग है ll साथ मे समाज मे भी अगरिया जनजाति क