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अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

ज़िला अनूपपुर के ग्राम टिकईटोला मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान संपन्न हुआ

अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास का संस्था लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के नेतृत्व मे ज़िला अनूपपुर ब्लॉक कोतमा के ग्राम टिकईटोला मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 12/06/2024 को हुआ ll कार्यक्रम मे ज़िला अनूपपुर,उमरिया, शहडोल, सीधी, सिंगरौली (मध्यप्रदेश) एवं कोरिया (छत्तीसगढ़)जिलों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी शामिल  हुए ll अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम के लिए फाउंडेशन द्वारा अन्य जिले से नोडल कार्यकर्ता अधिकारी की नियुक्ति की गयी थी जिनके मुख्य अतिथ्य मे कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ll फाउंडेशन द्वारा अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य अगरिया जनजाति समाज को संगठित करना, अगरिया जनजाति का संरक्षण, समाज की संस्कृति का संरक्षण करना, समाज मे बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना, तथा शिक्षा मे सहयोग करना, विवाह मे सहयोग करना, इलाज मे सहयोग करना, दशगात्र मे सहयोग करना तथा समाज को नशा मुक्त समाज बनाना तथा समाज से रूढ़िवादी विचार को समाप्त करना एवं ऐसे समस्त फाउंडेशन द्वारा समाज के लिए चलाये जा रहे मुहीम से अगरिया जन समुदाय को अवगत कराना है और सम्पूर्ण भारत मे अगरिया जनजाति समाज का एक संगठित समाज का निर्माण करना है ll कार्यक्रम की शुरुआत अगरिया जनजाति के इष्ट देव लोहासूर पूजन के साथ हुआ ll इसके पश्चात नोडल कार्यकर्त्ता अधिकारी श्री सुखित लाल अगरिया जी द्वारा फाउंडेशन के एजेंडा का विधिवत विश्लेषण किया गया बिंदुवार संगठन के समस्त उद्देश्य की जानकारी उपस्थित समाज के स्वजातीय बन्धुओं को दिए ll तथा विजय अगरिया कोर डायरेक्टर निवासी उमरिया एवं सीधी जिलाध्यक्ष सुखलाल अगरिया जी द्वारा शिक्षा और अगरिया जनजाति के इतिहास, और अगरिया जनजाति के अस्तित्व पर सन्देश दिए ll
लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ प्रसाद अगरिया कोतमा द्वारा बताया गया की ये संस्था अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास के लिए है इस मंच के माध्यम से अगरिया जनजाति समाज के समस्त बिन्दुओ पर कार्य किया जाता है आज अगरिया जनजाति समाज का अस्तित्व और संस्कृति विलुप्त के कगार पर रहा है,अगरिया जनजाति को उसका वास्तविक पहचान नहीं मिल पा रहा था, अगरिया जनजाति समाज एक वैज्ञानिक समाज है जिसने इस दुनिया मे सर्व प्रथम लौह अयस्क की पहचान किये और लौह अयस्क को भट्ठी मे डालकर पारम्परिक तरीके से पत्थर को गलाकर लोहा बनाया ll आज अगरिया जनजाति समाज की ही देन है की बड़े बड़े कंपनी मे लोहे का निर्माण किया जाता है, इस संस्कृति को जन्म देने वाला इकलौता समाज अगरिया जनजाति समाज है ll फिर भी आज इस जनजाति समाज का नाम पहचान विलोपित होता जा रहा है ll इस समाज का स्तर आज भी शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी मे अति न्यून है मध्यप्रदेश सरकार एवं भारत सरकार को अगरिया जनजाति समाज का सर्वे लेते हुए अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा देना चाहिए ll 
बताया गया की लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन द्वारा अगरिया समाज मे बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्लास 10 वी 12 वी मे अच्छे अंक से उत्तीर्ण छात्रों को संस्था द्वारा पुरस्कार प्रदान किया जाता है तथा फीस बस्ता कॉपी पुस्तक मे भी सहयोग किया जाता है ll इसके अलावा समाज मे विवाह सहायता परिवार को, समाज मे दशगात्र सहयोग, इलाज सहयोग तथा समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए समाज मे मुहीम चलाया जा रहा है की "नशा नाश का कारण है " समाज मे बच्चों के भविष्य के लिए समाज को नशा मुक्त होना आवश्यक है इससे बच्चों मे शिक्षा के स्तर मे एवं अगरिया जनजाति के स्तर मे सुधार आएगा ll 
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा प्रोत्साहन हेतु नर्सरी, आंगनबाडी, एवं कक्षा 1 से 5 वी तक के पढ़ने वाले ज़िला अनूपपुर के छात्रों को पहाड़ा, पेंसिल, पेन, कॉपी वितरण किया गया एवं बच्चों मे सन्देश दिया गया की आगे बढे पूरा समाज सदैव बच्चों के साथ खड़ा है ll बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया तथा नशा मुक्ति पर नाटक प्रस्तुत किया गया और सन्देश दिया गया की नशे से घर परिवार समाज बर्बाद हो रहा है इससे दूर रहे ll
कार्यक्रम के अंतिम मे उपस्थित सामाजिक सामाजिक स्वजातीय बन्धुओं को शपथ ग्रहण कराया गया की सभी समाज मे अपनी जिम्मेदारी ले अगरिया समाज के उत्थान विकास के लिए एक कदम समाज की ओर बढ़ाये ll
कार्यक्रम मे फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया कोतमा, विजय अगरिया कोर डायरेक्टर ,गयादीनअगरिया, मुकेश अगरिया, रामरतन अगरिया उमरिया, सुखलाल अगरिया सीधी, सुखित लाल अगरिया नोडल कोरिया छत्तीसगढ़, विश्वनाथ अगरिया, माखन अगरिया, मायाराम अगरिया, रामविलास अगरिया सहित 100-200 की संख्या मे माताए बहने बच्चे अगरिया जोड़ो अभियान कार्यक्रम ग्राम टिकईटोला मे सम्मिलित हुए ll
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