शहडोल मध्यप्रदेश मे अगरिया जोड़ो अभियान सम्पन्न ll फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर शहडोल पहुचे जागरूक करने समाज को दिनांक 17.07.2024 सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है ll

अगरिया जनजाति मे लोहा का क्या महत्त्व है 👇 अगरिया जनजाति में लोहा का बहुत महत्त्व है, क्योंकि यह जनजाति मूल रूप से लोहा पर काम करते है और कृषक भी है। लोहा उनकी जीवनशैली और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो अगरिया जनजाति में लोहे के महत्त्व को दर्शाती हैं: 1. लोहारी का काम: अगरिया जनजाति के लोग मुख्य रूप से लोहारी का काम करते हैं, जिसमें वे लोहे को पिघलाकर और आकार देकर विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। 2. कृषि के लिए लोहे का उपयोग: अगरिया जनजाति के लोग कृषि में भी लोहे का उपयोग करते हैं, जैसे कि हल, कुदाल, और अन्य कृषि उपकरण बनाने में। 3. शस्त्र निर्माण: अगरिया जनजाति के लोग लोहे से शस्त्र भी बनाते हैं, जैसे कि तलवार, भाला, और अन्य हथियार। 4. धार्मिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानते हैं। 5. सांस्कृतिक महत्त्व: अगरिया जनजाति में लोहे का सांस्कृतिक महत्त्व भी है, क्योंकि वे लोहे को अपनी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

शहडोल मध्यप्रदेश मे अगरिया जोड़ो अभियान सम्पन्न ll फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर शहडोल पहुचे जागरूक करने समाज को दिनांक 17.07.2024

लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास की संस्था है जिसका उद्देश्य अगरिया जनजाति समाज को संगठित करना, अगरिया जनजाति समाज का संरक्षण, संस्कृति का संरक्षण करना है, ऐसे कई उद्देश्य को लेकर संस्था कार्य कर रहा है ll समाज के उत्थान विकास के लिए भी संस्था द्वारा कई गतिविधिया एवं योजनाये बनाये गए है ll उद्देश्ययों को अगरिया जन समुदाय तक पहुंचाने एवं संस्था से लोगो को जोड़ने के लिए फाउंडेशन द्वारा हर साल अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का आयोजन माह मार्च अप्रैल मे किया जाता है कार्यक्रम मे फाउंडेशन के एजेंडा का वाचन किया जाता है नियुक्त नोडल कार्यकर्त्ता अधिकारी की उपस्थिति मे ll 
अगरिया जोड़ो अभियान कार्यक्रम का आयोजन जिलाध्यक्ष गनपत अगरिया एवं शहडोल जिला समिति के सफल आयोजन मे जिला शहडोल मध्यप्रदेश मे दिनांक 17.07.2024 को जहा फाउंडेशन द्वारा नियुक्त नोडल श्री माखन लाल अगरिया श्री मयाराम अगरिया (अनूपपुर) रहे जिनके उपस्थिति मे कार्यक्रम का सम्पन्न हुआ ll माखन अगरिया (नोडल कार्यकर्त्ता) द्वारा फाउंडेशन द्वारा एजेंडा का विधिवत विश्लेषण किया गया और संगठन द्वारा समाज के उत्थान विकास मे चलाये जा रहे सभी मुहीम से उपस्थित स्वजातीय बंधुओ को अवगत कराया गया ll मयाराम अगरिया जी द्वारा भी एजेंडा के मुख्य बिंदु नशा मुक्ति और शिक्षा पर बात किया गया ll
कार्यक्रम मे फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ प्रसाद अगरिया पहुचे :- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के M.D दशरथ प्रसाद अगरिया कार्यक्रम मे पहुचे और सम्पूर्ण जिला अगरिया जनजाति शहडोल वासियो को  सम्बोधित किये उन्होंने फाउंडेशन के उद्देश्य के साथ साथ समाज के प्रति जिम्मेदारी पर चर्चा किये समाज के इतिहास एवं अगरिया जनजाति समाज की वैज्ञानिक संस्कृति पर चर्चा किया ll उन्होंने कहा अगरिया जनजाति समाज मे शिक्षा का स्तर न्यून है लोग व्यवसाय, शिक्षा, नौकरी मे पिछड़े है, समाज मे नशा पान का लेन देन बहुत ज्यादा है सभी बिन्दुओ पर समाज को काम करने की जरुरत है सभी को जिम्मेदारी लेना होगा तभी समाज विकास कर पायेगा ll समाज मे यदि नशा पान को नियंत्रित करना है तो सबसे पहले सामाजिक लेन देन से मांश मदिरा को हटाना होगा क्योंकि ऐसे करने से हमारी अगली पीढ़ी नशे मे जा रहा है और उसका दोष हम समाज को देते है यदि नशे पान के लेन देन को बंद करें तो अगली पीढ़ी हमारी बेहतर होगी ll समाज मे शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सभी को आगे आना होगा समाज मे शिक्षा के प्रति जागरूकता लाना होगा शिक्षा के महत्त्व को समझाना होगा ll समाज मे होते हुए धर्म परिवर्तन पर भी चर्चा किया गया की अगरिया जनजाति समाज एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक समाज है इस जनजाति समाज का एवं इसकी संस्कृति का संरक्षण अवश्य करें लोग धर्म परिवर्तन बिलकुल ना करें धर्म परिवर्तन करने वालो पर पर सामाजिक प्रतिबन्ध लगाए समाज मे आने जाने पर रोक लगाया जाएगा ll इसके साथ अगरिया जनजाति समाज को रिस्तेदारी सम्बन्ध बनाने को लेकर भी समझाइस दिया गया बताया गया की लड़का हो या लड़की किसी से भी बेटी रोटी का सम्बन्ध बनाने के पूर्व बच्चों का जाती प्रमाण पत्र एवं मिसल भूलेख बंदोबस्त अवश्य देख ले जिसमे अगरिया लिखा हो यदि अगरिया नहीं लिखा है तो बिलकुल भी रिस्ता ना जोड़े सम्बन्ध ना बनाये कोई कितना भी बोले की हम अगरिया है आना जाना सभी जगह है फिर भी बात को ना माने रिकॉर्ड देख कर ही रिस्तेदारी बनाये जिससे अगरिया जनजाति समाज का संरक्षण हो सके क्योंकी आज कल बहुत सारे लोहार अगरिया जनजाति मे परिवर्तित हो रहे है इसलिए अगरिया जनजाति समाज के संरक्षण के लिए ये कदम आवश्यक है ll
आज की युवा पीढ़ी एवं अन्य स्वजातीय बंधुओ को समझाइस दिया गया की नाम के आगे अपने जाती मे अगरिया ही लिखें गौत्र ना लिखें क्योंकि अगरिया ना लिखने से अगरिया जनजाति समाज की पहचान विलोपित हो रहा है जो अगरिया जनजाति समाज के अस्तित्व के लिए अच्छी बात नहीं है ll इसके पश्चात् फाउंडेशन द्वारा अगरिया जनजाति समाज के उत्थान विकास के लिए चलाये जा रहे मुहीम के बारे मे बताया गया की संस्था समाज मे पढ़ने लिखने वालो बच्चों का फीस कॉपी बस्ता पुस्तक मे मदद करता है इसलिए कोई भी बच्चा फीस के वजह से पढ़ाई ना छोड़े ll तथा समाज मे फाउंडेशन से जुड़े स्वजातीय बंधुओ के घर मे किसी प्रकार का कोई शोक मृत्यु जैसे समाचार प्राप्त होने पर फाउंडेशन द्वारा दशगात्र सहयोग राशि परिवार को दिया जाता है ll विवाह मे सहयोग किया जाता है, इलाज मे सहयोग किया जाता है ऐसे समस्त सामाजिक समस्याओ का समाधान फाउंडेशन द्वारा किया जाता है फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ प्रसाद अगरिया जी द्वारा बताया गया ll
कार्यक्रम के अंतिम मे उपस्थित समस्त स्वजातीय बंधुओ माताओ बहनो का शपथ ग्रहण कराया गया और सभा का समापन किया गया ll
गनपत अगरिया को शहडोल जिले का प्रभार सौपे M.D :- शहडोल मध्यप्रदेश जहा संगठन का कार्य अधूरा एवं सुस्त होता नजर आ रहा था फाउंडेशन का उद्देश्य जिले तक पहुंच नहीं पा रहा था वहा से एक बेहतर समाज सेवी के रूप मे गनपत अगरिया जी सामने आये और आगे बढ़कर फाउंडेशन की जिम्मेदारी को निभाए ll इसलिए फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया जी अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए गनपत अगरिया जी को शहडोल जिले का जिलाध्यक्ष का दायित्व सौपे और उनको शुभकामनायें दिए की संस्था आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता है आप समाज के उत्थान विकास मे सदैव आगे बढे सम्पूर्ण समाज एवं संगठन आपके साथ है तथा संस्था उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है की आगामी दिनों मे भी आप संस्था एवं समाज मे अपना नाम रोशन करेंगे ll
कार्यक्रम मे - फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ अगरिया, नोडल माखन अगरिया, मायाराम अगरिया, विश्वनाथ अगरिया, गोरेलाल अगरिया, गेन्दलाल अगरिया, बुधराम अगरिया, मकरंद अगरिया, रामप्रसाद अगरिया, बुद्धवती अगरिया, कलावती अगरिया, संतोष अगरिया, रामविलास अगरिया एवं शहडोल से जिलाध्यक्ष गनपत अगरिया, रामसरोवर अगरिया, प्रेम कुमार अगरिया, कमलेश अगरिया सहित कई स्वजातीय बंधु माताए बहने कार्यक्रम मे उपस्थित रहे ll
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