लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन का प्रमुख कार्यक्रम अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम जो फाउंडेशन से जुड़े लगभग सभी राज्यों के जिलों मे प्रति वर्ष माह मार्च - अप्रैल मे संपन्न होता है ll जहाँ लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की ओर से प्रत्येक जिले के नोडल कार्यकर्ता अधिकारी नियुक्त किये जाते है जो जिलों मे उपस्थित होकर कार्यक्रम को सम्पन्न कराते है ll नियुक्त नोडल द्वारा फाउंडेशन के एजेंडा को विश्लेषण करते हुए उपस्थित सामाजिक स्वजातीय बंधुओ को विधिवत समझाया जाता है और कार्यक्रम के अंत मे उपस्थित स्वजातीय बंधुओ को शपथ ग्रहण करवाया जाता है ll अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य अगरिया जनजाति जो की आज के इस आधुनिक परिवेश मे भी शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी, सामाजिक रहन सहन मे पिछड़ी जनजाति है जिसके स्तर मे सामाजिक जागरूकता के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित कराया जाता है जिससे इस समाज मे जागरूकता आ सके और समाज सशक्त हो सके ll ज़िला सीधी के ग्राम सोनगढ़ मे अगरिया समाज जोड़ो अभियान कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 31/03/2025 को हुआ ll जहाँ ज़िला सीधी के लिए नियुक्त नोडल...
अगरिया आदिवासी समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति समाज मे शामिल किये जाने की मांग को लेकर ज़िला उमरिया म.प्र के अगरिया समाज के स्वजातीय बंधु एवं लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के कार्यकर्ताओ ने ज़िला कलेक्टर को राष्ट्रपति एवं राष्ट्रीय अ. ज. जा आयोग एवं आदिम जनजाति अनुसन्धान एवं विकास संस्था के नाम ज्ञापन सौपे
अगरिया आदिवासी समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल किये जाने को लेकर ज़िला उमरिया (मप्र) की टीम ने सौपा ज्ञापन ll
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बीते दिनों दिनांक 24/03/2025 को ज़िला उमरिया मध्यप्रदेश के अगरिया समाज के लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन ज़िला उमरिया के कार्यकर्त्ता एवं अगरिया समाज के स्वजातीय बंधुओ ने मिलकर ज़िला उमरिया कलेक्टर को माननीय राष्ट्रपति महोदय, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मंत्रालय भारत सरकार एवं आदिम जाती अनुसन्धान एवं विकास संस्था भोपाल के नाम ज्ञापन सौपे ll ज्ञापन सौपने का उद्देश्य अगरिया जनजाति समाज को (PVTG) विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल किये जाने की मांग है अगरिया समाज के लोग एवं लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन मैनेजिंग डायरेक्टर दशरथ प्रसाद अगरिया का कहना है की अगरिया आदिवासी समाज अन्य समाजो की अपेक्षा बहुत ही पिछड़ा समाज है ll इस समाज मे शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी का स्तर अति न्यून है तथा सामाजिक रहन सहन मे भी ये समाज बहुत ही पिछड़ा समाज है ll इस पिछड़े हुए समाज की ओर राज्य सरकार एवं भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए फाउंडेशन एवं समाज के लोगो का निवेदन है की अगरिया आदिवासी समाज का मध्यप्रदेश मे सर्वे शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी, सामाजिक रहन सहन को आधार मानकर लिया जाए ll इससे अगरिया जनजाति समाज के वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और सर्वे के आधार पर अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति समाज (PVTG) मे शामिल किया जाय ll
अगरिया आदिवासी समाज के इतिहास कि बात करें तो अगरिया आदिवासी वही समाज है जो आदिकाल मे जंगलो मे निवास करते थे जहाँ इस समाज ने लौह अयस्क (लौह पत्थर)की पहचान किया और लौह अयस्क को अपने पारम्परिक भट्ठी मे (कोठी -चेपूआ ) गलाया और लोहा जैसे चमत्कारिक धातु से दुनिया को अवगत कराया ll यानि सीधे कहे तो अगरिया आदिवासी ही वो वैज्ञानिक समाज है जिसने लोहा जैसी चमत्कारिक धातु का सबसे पहले अविष्कार किया ll आज अगरिया आदिवासी समाज की संस्कृति को अपना कर कई कंपनी लोहा बना रहे है ll लेकिन अगरिया आदिवासी जिसने इस संस्कृति को जन्म दिया आज के इस आधुनिक परिवेश मे भी अति पिछड़ा समाज है ll अगरिया आदिवासी समाज की मांग है अगरिया समाज के पिछड़े पन को देखते हुए सरकार इस समाज का सर्वे ले और विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल करें ll
ज्ञापन सौपने ज़िला उमरिया की टीम से विजय अगरिया (ज़िला सचिव), भोला अगरिया, रामरतन अगरिया, केशेलाल अगरिया सहित कई स्वजातीय बंधु एवं समाज के लोग मौजूद रहे ll
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