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दशरथ प्रसाद अगरिया (संस्थापक) लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के बारे मे ll

                  दशरथ प्रसाद अगरिया  आइये आज जानते है अगरिया आदिवासी समाज के  एक महान समाज सेवी अगरिया जनजाति समाज को एक पहचान देने वाले महान शख्स श्री दशरथ प्रसाद अगरिया (संस्थापक) लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के बारे मे जिन्होंने अगरिया जनजाति के अस्तित्व, संस्कृति, एवं पहचान को उजागर करने की पहल किये और आज पूरे भारत मे जिन्होंने अगरिया समाज को एक पहचान दिलाने का कार्य किये ll आज इनके अथक प्रयास और मेहनत से आज अगरिया समाज संगठित हुआ जिलों जिलों मे अगरिया समाज की समिति बनी और जिलों मे लोग अपने समाज अस्तित्व के लिए सामाजिक कार्य जागरूकता जैसे गतिविधि करने लगे ll अगरिया समाज मे इनके द्वारा जागरूकता लाने से पहले कभी भी अगरिया समाज मे सामाजिक संगोष्टी, एवं सामाजिक जागरूकता जैसे सामाजिक रहन सहन, शिक्षा, नशा मुक्ति जैसे कोई कार्यक्रम नहीं होता था लेकिन इनके प्रयास के बाद लोगो मे जागरूकता बढ़ी और लोग अपने समाज को बेहतर शिक्षित सभ्य और संस्कारी समाज बनाने तथा सामाजिक रहन सहन को बेहतर बनाने के लिए आज जिलों जिलों म...

दशरथ प्रसाद अगरिया (संस्थापक) लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के बारे मे ll

                 दशरथ प्रसाद अगरिया 
आइये आज जानते है अगरिया आदिवासी समाज के  एक महान समाज सेवी अगरिया जनजाति समाज को एक पहचान देने वाले महान शख्स श्री दशरथ प्रसाद अगरिया (संस्थापक) लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन के बारे मे जिन्होंने अगरिया जनजाति के अस्तित्व, संस्कृति, एवं पहचान को उजागर करने की पहल किये और आज पूरे भारत मे जिन्होंने अगरिया समाज को एक पहचान दिलाने का कार्य किये ll आज इनके अथक प्रयास और मेहनत से आज अगरिया समाज संगठित हुआ जिलों जिलों मे अगरिया समाज की समिति बनी और जिलों मे लोग अपने समाज अस्तित्व के लिए सामाजिक कार्य जागरूकता जैसे गतिविधि करने लगे ll अगरिया समाज मे इनके द्वारा जागरूकता लाने से पहले कभी भी अगरिया समाज मे सामाजिक संगोष्टी, एवं सामाजिक जागरूकता जैसे सामाजिक रहन सहन, शिक्षा, नशा मुक्ति जैसे कोई कार्यक्रम नहीं होता था लेकिन इनके प्रयास के बाद लोगो मे जागरूकता बढ़ी और लोग अपने समाज को बेहतर शिक्षित सभ्य और संस्कारी समाज बनाने तथा सामाजिक रहन सहन को बेहतर बनाने के लिए आज जिलों जिलों मे एक होकर कार्य करने लगे है ll अगरिया समाज मे इस जागरूकता का पूरा श्रेय दशरथ प्रसाद अगरिया (संस्थापक) लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन को जाता है ll 
हलाकि इनको समाज मे वो सम्मान नहीं मिला जिनके वो हकदार है  लेकिन इनका प्रण था की ये समाज मे जागरूकता लायेगे और समाज को एक नया आयाम देंगे जिसका रिजल्ट आज पूरे भारत के अगरिया समाज मे देखने को मिल रहा है ll इनसे बात करने पर पता चला की ये किसी ज़िला या राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के अगरिया समाज को शिक्षित, सभ्य, संस्कारी , नशा मुक्त समाज बनाने के लिए कार्य कर रहे है ll इसीलिए इन्होने पूरे भारत मे कार्य करने के लिए लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन की स्थापना किये ll पूरे साल भर मे भारत के कई राज्यों के कई जिलों मे इनका दौरा होता रहा है ये अपने खर्च से जिलों जिलों मे जाते और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कराते रहे ll 
दशरथ प्रसाद अगरिया जी का अगरिया समाज के प्रति लक्ष्य क्या था : - 
1-इनका लक्ष्य था अगरिया जनजाति का संरक्षण (विलोपित होते समाज को बचाना)
2- अगरिया समाज की वैज्ञानिक संस्कृति का संरक्षण (लौह अयस्क से लोहे की निर्माण संस्कृति को बचाना)
3- समाज से नशा पान, लेन देन को समाप्त करना ll
4- समाज से रूढ़िवादी प्रथाये जो समाज के लिए अनुपयोगी हो जिससे समाज को कोई लाभ ना हो या जिससे समाज को नुकसान हो ऐसे प्रथाओ का समाप्त करना ll
5- समाज मे शिक्षा को बढ़ावा देना बच्चों को पढ़ने लिखने के लिए फीस कॉपी बस्ता पुस्तक मे सहयोग करना ll समाज का कोई भी बच्चा फीस कॉपी, पुस्तक या किसी आर्थिक तंगी से शिक्षा से वंचित ना हो ll
6- समाज मे कलाकारों को पहचान देना यदि कोई संगीत नृत्य या किसी भी कला मे निपुण है तो उसे अपने खर्च से पब्लिसिटी करना ll
7- समाज मे महिलाओ का सम्मान 
8- विवाह, इलाज, दशगात्र जैसे सहयोग समाज के लोगो को प्रदान करना ll दशगात्र पर इनका एक बहुत अच्छा पहल ये हुआ की कोई भी समाज का व्यक्ति किसी के घर दशगात्र मे जाता है तो वो उस परिवार को साफी (गमछा) के स्थान पर उस गमछा का पैसा परिवार को दे जिससे परिवार को आर्थिक मदद मिल जाए जो आज भारत का अगरिया समाज मे चल रहा है जिसका फायदा आज समाज को मिल रहा है ll 
9- इनका लक्ष्य है की अगरिया आदिवासी समाज अन्य समाजो से बहुत पिछड़ा समाज है शाशन प्रसाशन अगरिया आदिवासी समाज का सर्वे लेते हुए अगरिया समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा देll
अगरिया जनजाति समाज एक विकसित समाज हो समाज में शिक्षा हो , नौकरी हो ,व्यवसाय हो , समाज का रहन सहन परिवेश अच्छा हो क्योकि आज ये समाज इन सारे स्तर से पिछड़ा समाज है और इस समाज को बेहतर समाज , विकसित समाज बनाना श्री दशरथ प्रसाद अगरिया जी का लक्ष्य रहा। 
ऐसे कई कार्य इनके द्वारा किये गए है ll 
दशरथ प्रसाद अगरिया जी का पूरा बायोडाटा:- 
नाम - दशरथ प्रसाद अगरिया 
संस्थापक- लौह प्रगलक अगरिया जनजाति भारत फाउंडेशन 
पिता का नाम - श्री अमोली अगरिया 
माता -  श्री मति बेला बाई 
भाई - 1 (नाम - गोविन्द अगरिया)
बहन - 2( नाम - रिंकू बाई अगरिया, रेखा देवी )
पत्नी का नाम - श्री मति संतरिया देवी 
बच्चे - एक पुत्र एक पुत्री (पुत्र का नाम - अंश कुमार अगरिया, पुत्री का नाम - अर्पिता अगरिया)
जन्म स्थान - सोही बेलहा, ज़िला - अनूपपुर (मध्यप्रदेश)
जन्म दिनांक - 6 जून 1984
शौक - समाज सेवा,संगीत, नृत्य, क्रिकेट 
पेशा - शिक्षक 
शिक्षा - msc (जंतुविज्ञान), BCA कंप्यूटर, टंकण (टाइपिंग)
सपना एवं सरकार से मांग - अगरिया जनजाति समाज को विशेष पिछड़ी जनजाति मे शामिल करे सरकार अगरिया आदिवासी समाज का सर्वे लेकर 
श्री दशरथ प्रसाद अगरिया जी के परिवार की फोटो  :- 
                         (पत्नी एवं बच्चे)
               (माता -पिता)
तो ये था अगरिया आदिवासी समाज को पहचान देने वाले अगरिया समाज के महान समाज सेवी श्री दशरथ प्रसाद अगरिया जी के बारे मे ll
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